निम्बेटी निवासी सांवरलाल पुत्र श्रवणलाल मेघवाल व मेघाराम गुर्जर ने परिवाद में आरोप लगाया कि 18 अप्रेल को रात आठ बजे निम्बेटी नदी पर पहुंचे। यहां बुलडोजर से अवैध बजरी खनन कर ट्रेलर भरा जा रहा था। उन्होंने वाीडियोग्राफी की और फोटो भी खिंचे। इसके बाद रास थाने में सूचना दी। चार घंटे बाद रात 12 बजे कांस्टेबल महिपाल चौधरी, करतार सिंह गुर्जर, माधु सिंह, रूपाराम, रामकिशोर चौधरी व लोकेश मीणा आए और खनन देख वापस जाने लगे। दोनों ने उनको रुकवाया तो पुलिस ने उनको धमकाया। इसके बाद उनकी मोटरसाइकिल का एमवी एक्ट में चालान काटा और शराब पीने के आरोप में पुलिस उन्हें थाने ले गई। ग्रामीण जब थाने पहुंचे तो उन्हें छोड़ा। परिवादी सांवरलाल ने पत्रिका को बताया कि पुलिस ने मौके से उनके मोबाइल लेकर अवैध खनन के वीडियो भी डिलीट कर दिए।
अब पल्ला झाड़ रही पुलिस
परिवादी ने इसकी शिकायत एसएचओ रास प्रेमप्रकाश से की, उनसे सम्पर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन मोबाइल नहीं उठाया। परिवाद पुलिस उपाधीक्षक जैतारण सुरेश कुमार के कार्यालय में दिया गया, दो दिन बाद सीओ जैतारण से बात की तो उन्होंने इसकी जानकारी से मना कर दिया।