आबकारी विभाग की खबर मिली है कि आगामी दिनों में प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने से सस्ती शराब की मांग अभी से ही बढऩे लग गई हैं। इसका फायदा उठाते हुए तस्करों ने पाली के आस-पास ग्रामीण इलाकों में अवैध शराब की फैक्ट्री लगा दी है। कुछ मुखबिरों ने अधिकारियों को इस बारे में बताया भी है। इथाइल एल्कोहल से यह शराब बनाई जा रही है। देसी पव्वों व डुप्लीकेट ढक्कनों का उपयोग कर इन पव्वों में यह शराब पैक कर बाहरी इलाकों में बेची जा रही है। इस खबर के बाद आबकारी विभाग ने अपनी इपीएफ टीम को भी अलर्ट कर दिया है, लेकिन तस्करों को पकडऩे में फिलहाल नाकामी हाथ लगी हैं।हाइवे व जोधपुर शहर से जुड़े हैं तारजनवरी २०११ में पाली में शराब दुखांतिका हुई थी। शहर के औद्योगिक थाना क्षेत्र के भटवाड़ा एरिया में जहरीली शराब के कारण दर्जनभर लोग की मौत हुई थी। पाली में दुखांतिका से एक दिन पूर्व जोधपुर में भी शराब दुखांतिका हुई थी। वहीं शराब की खेप पाली पहुंची थी। जांच में पता चला था कि मिथाइल एल्कोहल से बनी जहरीली शराब से ये मौतें हुई। वर्तमान में पाली के हाइवे से गुजरात से दिल्ली रोजाना मिथाइल एल्कोहल के टैंकर निकलते हैं। इन टैंकरों से यह खेप चोरी हुई और शराब बनी तो फिर से खतरा पैदा हो सकता है। वर्तमान में आबकारी विभाग को खबर है कि हाइवे व जोधपुर से तस्करों के तार जुड़े हुए हैं। तस्कर रोजाना फैक्ट्री के ठिकाने भी बदल रहे हैं। [typography_font:18pt;” >चैनराज भाटीपाली . अवैध शराब व जहरीली शराब बिक्री के मामले में संवेदनशील पाली जिले में शराब की अवैध फैक्ट्री खुलने की खबर ने आबकारी विभाग की नींद उड़ा दी है। आबकारी विभाग ने अपने तमाम मुखबिर इसे पकडऩे के लिए लगा दिए हैं, लेकिन तस्कर उन्हें हाथ नहीं लग रहे हैं। जबकि पाली में सात साल पूर्व शराब दुखांतिका हो चुकी हैं। दर्जनभर लोग जहरीली शराब के कारण जान गंवा चुके हैं। पुलिस भी इस खतरे से बेखबर है। यह माल शहर की कच्ची बस्तियों में बिकने की खबर के बाद लगातार इन बस्तियों में दबिश दी जा रही है, साथ ही कबाडि़यों के ठिकानों पर भी तलाशी ली जा रही है कि खाली पव्वे सबसे ज्यादा किस क्षेत्र से आ रहे हैं। हां खबर है, पकडऩे का प्रयास हां, अवैध फैक्ट्री की मुखबिरी मिली है, फिलहाल तस्करों का ठिकाना तलाशने में कामयाबी नहीं मिली। लगातार प्रयास जारी है। इपीएफ को भी अलर्ट किया गया है। – जीआर सुथार, जिला आबकारी अधिकारी, पाली।