माता-पिता के निधन के बाद आशा ने पांचवीं, मंजू सातवीं, पिंकी ने चौथी, प्रियंका आठवीं एवं सुमन ने आठवीं उत्तीर्ण कर पढ़ाई छोड़ दी। परिवार की जिम्मेदारी के साथ उनके सामने उनका भविष्य भी है। कोई सरकारी मदद भी बालिकाओं को नहीं मिल रही है।
मैंने कॉल पर पालिका प्रशासन ने चारों बेटियों के लिए एक खाद्य सामग्री की व्यवस्था करवाई है। दूसरी कोई भी योजना से लाभाविंत नहीं हो पा रही हैं। लॉकडाउन के कारण वे अब घर पर बैठी हैं। –श्रीमती ममता, पार्षद, नगरपालिका, तखतगढ़
बालिकाओं की मदद के लिए खाद्य सामग्री के और पैकेट भिजवाने की व्यवस्था करवाते हैं। –नरेन्द्र काबा, इओ, नगरपालिका, तखतगढ