पल्मोनरी फाइब्रोसिस बीमारी के उपचार के लिए निनेटिनिब नाम की टेबलेट का उपयोग किया जाता है। यह टेबलेट सरकारी अस्पतालों में अभी नहीं है। बांगड़ चिकित्सालय के चेस्ट फिजिशियन डॉ. लक्ष्मण सोनी ने बताया कि यह दवा कम से कम दस से पन्द्रह दिन मरीज को देने की जरूरत होती है। हमारी तरफ से इस दवा का मांग पत्र बनाकर भिजवाया गया है। वैसे हम दूसरी दवा से अभी उपचार कर रहे हैं।
कोविड बीमारी से फेफड़ों में कफ का जमाव होता है। फेफड़े पूरी तरह से खराब होने की आशंका रहती है। बांगड़ चिकित्सालय में ही पिछले दो-तीन माह में दस से बारह मरीज आए है। अभी अस्पताल में करीब पांच मरीज ऐसे है, जिनके फेफड़ों में कफ अधिक है। इसके लिए एनएसिटइाल स्ट्रिप की जरूरत रहती है। चिकित्सकों के अनुसार फेफड़ों में सिकुडऩ व कफ की दवा देरी से देने पर इसका प्रभाव कम हो जाता है।
फेफड़ों में सिकुडऩ को रोकने और कफ को पतला कर शरीर से बाहर निकालने की दवा के लिए मांग की गई है। यह दवा जल्द ही उपलब्ध होने की उम्मीद है। अभी हम अन्य दवाओं से उपचार कर रहे हैं। –डॉ. हरीश आचार्य, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज, पाली