ख्यातनाम भजन कलाकार रमेश माली ने बताया कि लॉकडाउन के चलते अब कार्यक्रम नहीं हो रहे, लेकिन बच्चों को समय देने का अवसर मिला है। घर में स्वयं भी और बच्चों को भी संगीत का रियाज करवा रहा हूं। समय के सदुपयोग का संगीत सबसे अच्छा माध्यम है। माली ने बताया कि वे अपने मित्रों की पसंद पर फेसबुक पर लाइव भजन सुनाता हूं।
इसी तरह भजन कलाकार विजयसिंह चौहान ने बताया कि बच्चे भी संगीत की रुचि रखते हैं। कार्यक्रम लगातार होने पर बच्चों को समय नहीं दे पाते। ईश्वर ने समय दिया है तो इसका सदुपयोग करता हूं। बच्चों को भी संगत करवाता हूं। महामना वरिष्ठ उच्च माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक एवं भजन कलाकार कुलदीप चौहान ने बताया कि भजन हमें ईश्वर के निकट ले जाता है। प्राकृतिक आपदा को टाला नहीं जा सकता, लेकिन इससे बचा जा सकता है। संगीत एकान्त से बाहर निकालकर ब्रह्मांड से तादात्म्य स्थापित कराता है।
हाउसिंग बोर्ड निवासी सुंदरकांड पाठ मंडल की गायिका उर्मिला माथुर ने बताया कि वे समय व्यतीत करने के लिए रामायण का मास पारायण कर रही हैं। दिन में भजनों की पर रियाज करती हूं। इससे समय आसानी से कट जाता है और प्रसन्नता का अनुभूति होती है। संगीत से किसी भी रोग के उपचार में मदद मिलती है और संगीत से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी आश्चर्यजनक सुधार होता है।
संगीत कलाकार बन्नी सिंह व अमित अरोड़ा का कहना है कि संगीत के सब उपकरण घर ही ले आए हैं और अब नई धुनें तैयार कर रहे हैं। कोरोना के चलते हर तरफ अफरातफरी का माहौल है। हम दोनों ने मिलकर कोरोना से बचाव के लिए गीत तैयार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अभी एक गीत तैयार किया है। कोरोना से कभी डरोना, छोड़ो भैया रोना-धोना….संयम की ताकत से ही जीतेंगे हम जंग…हम जीतेंगे जंग।