सरपंच का यह भी आरोप है कि केन्द्रीय मंत्री व सांसद पीपी चौधरी ने सांसद कोष से सोडावास ग्राम पंचायत के राजस्व गांव ठाकुरला (अम्बानगर) राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय की चार दीवार के लिए छह लाख रुपए की स्वीकृति दी थी। चार दीवारी का निर्माण पूरा होने पर इसका उद्घाटन सांसद से करवाने की बजाय सुमेरपुर विधायक मदन राठौड़ से करवा दिया गया। सरपंच का कहना है कि चार दीवारी के शिलालेख पर सांसद का नाम जान बूझकर नहीं लिखवाया गया, जबकि नियमानुसार यह जरूरी है। ठाकुरला के अतिरिक्त गुड़ा बिच्छु में भी निर्माण कार्यों के शिलालेखों से सांसद का नाम गायब है। सरपंच ने शिलालेख पर यूआईटी चेयरमैन का नाम लिखवाने पर भी ऐतराज उठाते हुए कहा कि उनका पंचायतराज से कोई सरोकार नहीं है।
ग्राम सेवक की गलती से हुआ
ग्राम सेवक की गलती से शिलालेख पर सांसद का नाम नहीं लिखा गया। यह शिला लेख हटवा दिया गया है तथा उद्घाटन सांसद महोदय से ही करवाया जाएगा। नारायणसिंह राजपुरोहित, विकास अधिकारी
जानबूझकर नहीं लिखवाया सांसद का नाम
बजट सांसद कोष से खर्च हुआ और उद्घाटन किसी ओर से करवाया गया। यह राजनीतिक द्वेषता है। यह केवल ठाकुरला में नहीं, अपितु कई गांवों में हुआ है। नियमानुसार भी सांसद का नाम शिलालेख पर अंकित होना चाहिए। इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
किशोर उपाध्याय, सरपंच, ग्राम पंचायत सोडावास