सर्राफा बाजार में किराणे की कतार में लगी दुकानों पर एक भी दुकानदार ने मास्क नहीं लगा रखा था। यहां सोशल डिस्टेंसिंग भी नहीं थी। इसके पास स्थित कटलों में भी मास्क या तो दुकानदार के गले में लटक रहा था या लगाया ही नहीं गया था। ग्राहक भी बिना मास्क सामान ले रहे थे।
सूरजपोल पर पुलिस घुमटी के सामने ही एक फल विक्रेता बिना मास्क लगाए, ग्राहकों को सामग्री दे रहा था। ग्राहक भी बिना मास्क के फल व सब्जियां खरीद रहे थे। यहां से सोमनाथ जाने वाले मार्ग पर भी ऐसी ही स्थिति थी। पुरानी सब्जी मण्डी में भी कोई मास्क लगाना उचित नहीं समझ रहा था।
सूरजपोल चौराहे से एक ट्रैक्टर में बच्चों के साथ महिलाएं व अन्य लोग बैठकर निकले। ट्रैक्टर की ट्रोली में काफी संख्या में महिलाएं व बच्चे बिना सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क के बैठे थे। इस ट्रैक्टर पर नगर परिषद के कचरा संक्रहण करना भी लिखा था। इसे भी किसी पुलिसकर्मी नहीं रोकना उचित नहीं समझा।
मास्क लगाने से कोरोना से काफी बचाव होता है। वल्र्ड हैल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार मास्क लगाने से आम व्यक्ति में कोरोना संक्रमण की दर को 80 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। वहीं हैल्थ वर्कस (जो चिकित्सालयों या संक्रमण के बीच कार्य करते हैं) उनमें 47 प्रतिशत तक संक्रमण रोका जा सकता है। मास्क लगाने पर वह पसीने से गीला नहीं होना चाहिए। ऐसा होने पर बैक्टीरिया संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग व बार-बार हाथा धोने आदि नियम का पालन भी जरूरी है। – डॉ. लक्ष्मण सोनी, सहायक आचार्य, मेडिकल कॉलेज, पाली