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राहत की खबर : कोरोनाकाल में दिव्यांगों के लिए लगेगी ऑनलाइन क्लास, तैयार हो रहा अलग कंटेंट

-शिक्षा विभाग का दावा : इस तरह का नवाचार करने वाला राजस्थान पहला राज्य-नेत्रहीन मूक बधिर व मानसिक विमंदित बच्चों के लिए ब्रेल व साइन में ही लगेगी ऑनलाइन क्लास-प्रदेश के दो लाख से अधिक दिव्यांगों को राहत

पालीJun 12, 2021 / 04:05 pm

Suresh Hemnani

राहत की खबर : कोरोनाकाल में दिव्यांगों के लिए लगेगी ऑनलाइन क्लास, तैयार हो रहा अलग कंटेंट

राहत की खबर : कोरोनाकाल में दिव्यांगों के लिए लगेगी ऑनलाइन क्लास, तैयार हो रहा अलग कंटेंट

पाली। कोरोना की वजह से पिछले एक साल से घरों में बैठे दो लाख से अधिक मानसिक विमंदित, नेत्रहीन व मूक-बधिर विद्यार्थियों के लिए राहतभरी खबर है। शिक्षा विभाग ने अब ऐसे विद्यार्थियों की समस्याओं को देखते हुए बड़े स्तर पर ब्रेल लिपि व साइन लैग्वेज में कक्षा एक से बारहवीं कक्षा तक के लिए ई-कटेंट बनाने की तैयारी कर ली है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने कई कंपनियों से एमओयू भी किया है।
शिक्षा विभाग का दावा है दिव्यांग विद्यार्थियों के ऑनलाइन कटेंट बनाने के मामले में राजस्थान पहला राज्य होगा। अन्य राज्यों में फिलहाल सामान्य बच्चों के कटेंट को ही विशेष बच्चों को पढ़ाया जा रहा है, लेकिन राजस्थान में पहले छोटे स्तर पर कवायद चल रही थी। इ-कक्षा के जरिए विशेष कटेंट तैयार कराया जा रहा है। शिक्षा विभाग ने कोरोनाकाल में दिव्यांगों को राहत देने के लिए समर्थ अभियान का भी आगाज किया है। मानसिक विमंदित विद्यार्थियों के सम्बलन के लिए विशेष शिक्षक भी लगातार उनके सम्पर्क में रहेंगे। शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने बताया कि इस अभियान को छह चरणों के जरिए पूरा किया जाएगा।
ऐसे मिलेगी दिव्यांगों को राहत
1. नामांकन अभियान 19 जून तक ड्रॉप आऊट बच्चों को जोड़ेंगे
प्रदेशभर में सामान्य बच्चों के साथ विशेष विद्यार्थियों को भी सरकारी स्कूलों से जोडऩे के लिए विशेष नामांकन अभियान चलाया गया है। इसके लिए एक-एक विशेष शिक्षक को दस से अधिक स्कूलों का जिम्मा दिया गया है। शिक्षक क्षेत्रों के पीइइओए वार्ड पंच, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आदि से सम्पर्क कर ड्राप आऊट बच्चों को स्कूलों से जोड़ेंगे।
2. ऑनलाइन कटेंट
शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश में फिलहाल छह विशेष आवासीय विद्यालय संचालित किए जाते हैं। इन विशेष विद्यालयों के साथ मिशन ज्ञान के साथ हुए एममओयू एवं सामाजिक संस्थाओं की मदद से नेत्रहीन व मूक-बधिर विद्यार्थियों के लिए अलग से ऑनलाइन कटेंट तैयार कराया जा रहा है। विशेष शिक्षकों के जरिए इसको घर-घर पहुंचाया जाएगा।
3. दिव्यांगों के लिए अलग से स्माइल ग्रुप
दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए प्रदेश के सभी जिलों में अलग से ग्रुप बनाए जाएंगे। इसमें भी नियमित रुप से अलग से कटेंट आएगा। बच्चों को नियमित रुप से गृह कार्य भी दिया जाएगा। इसकी निदेशालय स्तर पर भी मॉनिटरिंग की जाएगी।
4. विशेष ऑडियो एक क्लिक पर पूरी जानकारी
मूक बधिर सहित अन्य श्रेणी के विद्यार्थियों के लिए वीडियो लाइब्रेरी भी तैयार कराई जा रही है। इसमें कक्षा एक से बारहवीं तक के विद्यार्थियों के लिए सभी विषयों के महत्वपूर्ण टॉपिक को शामिल किया गया है। यदि इ-कक्षा के बाद भी विद्यार्थी को कोई शंका रहती है तो वह एक क्लिक पर पूरी जानकारी ले सकता है।
पहल : कई बेरोजगार शिक्षक भी जुटे निशुल्क वीडियो कटेंट बनाने में प्रदेश के कई जिलों में बेरोजगार विशेष शिक्षकों की ओर से भी सरकार की इस मुहिम में साथ निभाया जा रहा है। बेरोजगारों की ओर से भी नि:शुल्क कटेंट की मुहिम में साथ निभाने का वादा किया गया है। शिक्षा निदेशक का कहना है कि ऐसे युवाओं का भी सहयोग लिया जाएगा।
फैक्ट फाइल
सरकारी स्कूलों में कुल दिव्यांग विद्यार्थी – 88500
माध्यमिक कक्षा – 17500
प्रांरभिक कक्षा – 71 हजार
निजी विशेष विद्यालयों में – 40 हजार
प्रदेशभर में शिक्षक – 2200
इस साल नामांकन की उम्मीद 70 हजार से अधिक
दिव्यांग शिक्षा में सबसे ज्यादा नवाचार राजस्थान में : शिक्षा मंत्री
दिव्यांग बच्चों को शिक्षा से जोडऩे के लिए प्रदेशभर में समर्थ अभियान का आगाज किया है। इस अभियान के जरिए बच्चों का नामांकन बढ़ाने के साथ ऑनलाइन कटेंट की दिशा में काम किया जा रहा है। राजस्थान पहला राज्य होगा जहां दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए कक्षा एक से बारहवीं तक की अलग से ऑनलाइन कक्षाएं चलेगी। –गोविन्द सिंह डोटासरा, शिक्षा मंत्री
नेत्रहीन विद्यार्थियों को ब्रेल में ही मिलेगी वर्कशीट
शिक्षा निदेशक शिक्षा मंत्री की पहल पर बड़े स्तर पर दिव्यांग शिक्षा का काम हाथ में लिया है। नेत्रहीन, मानसिक विमंदित व मूक बधिर विद्यार्थियों के लिए अलग से कटेंट दिया जाएगा। विशेष शिक्षकों के जरिए इस कटेंट को बच्चोंं तक पहुंचाया जाएगा। राजस्थान में एक और नवाचार हुआ है कि नेत्रहीन विद्यार्थियों के लिए अब ब्रेल में ही वर्कशीट मिलेगी। –सौरभ स्वामी, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा

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