घटना 23 मार्च की है। जब सुरेश की मां-बहन घर में सो रही थी। इसी दौरान हत्या के मकसद से सुरेश दोनों के पास पहुंचा। पहले मां पानी देवी (55) पत्नी पेमाराम सीरवी के उपर धारदार हथियार से वार किया, फिर बहन कविता चौधरी (30) की भी हत्या कर कमरे में ताला जड़ दिया। अगले दिन 24 मार्च को खेत में चार गड्ढे खुदवाए और दोनों के शव को दफना दिया। इसके बाद सुरेश मौके से फरार हो गया।
25 तारीख को बड़े भाई रमेश चौधरी होली के मौके पर घर पहुंचे। घर पर मां और बहन नहीं होने की सुरेश से कारण जानने के लिए फोन मिलाया। लेकिन संपर्क नहीं हुआ। फिर उन्होंने 25 मार्च को स्थानीय थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
इधर, पुलिस जांच के सिलसिले में पहुंची तो पाया कि एक कमरे में ताला जड़ा है। तोड़ने के बाद दीवारों पर खून के छींटे देख शक की सुई पानी देवी के छोटे बेटे सुरेश चौधरी की तरफ गई। पुलिस को गड्ढ़े खुदवाने की जानकारी भी मिली।इसके बाद 28 मार्च को गड्डों की खुदाई की तो उसमें 55 साल की पानीदेवी चौधरी और उसकी 30 साल की बेटी कविता की का शव मिला। इसके बाद से ही पुलिस ने सुरेश को पकड़ने के लिए टीमें बनाई। 1 अप्रैल को सुरेश अहमदाबाद से गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में आरोपी सुरेश चौधरी ने बताया कि पत्नी उसे मां और बहन के कारण छोड़कर चली गई थी। जिससे वह काफी परेशान था। रोज-रोज के झगड़ों से परेशान होकर उसने अपनी मां और बहन को मार दिया।
सुरेश और उसकी छोटी बहन कविता की शादी करीब 15 साल पहले आटा-साटा में हुई थी। बाद में सुरेश के चाल चलन देखते हुए उसके ससुराल वालों ने उसकी पत्नी को नहीं भेजा, लेकिन कविता को जबरन ले गए। पति से परेशान कविता ने तीन साल पहले उसे छोड़ दूसरे युवक से विवाह कर लिया, लेकिन वहां पति के बच्चों से उसकी नहीं बनी तो वह पीहर भालेलाव आ गई।
मृतका का बड़ा बेटा रमेश अहमदाबाद में नौकरी करता है। 24-25 मार्च को उसने अपनी मां और बहन को कॉल किए, लेकिन बात नहीं हुई। फिर उसने भाई को कॉल लगाया तो उसका फोन बंद मिला। शक होने पर वह अहमदाबाद से गांव आया तो घर पर ताला लगा देखा। इसके बाद गुमशुदगी दर्ज करवाई। हालांकि सुरेश द्वारा लगातार मां-बहन से मारपीट के बाद रमेश को शक था कि सुरेश ने ही कुछ गलत किया है। जांच के बाद रमेश का शक सही साबित हुआ।