दरअसल, यह मादा पैंथर अब तक चार बार बच्चों को जन्म दे चुकी है, लेकिन जीवित एक भी नहीं रहा। तीसरे प्रसव में एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया था, लेकिन नर पैंथर ने चारों को मार दिया। इससे पूर्व के बच्चे भी जीवित नहीं रह पाए। चौथे प्रसव का बच्चा सुरक्षित रहा है। जानकारों के मुताबिक, जन्म के 15-20 दिन बाद बच्चा मां के साथ बाहर निकलता है। बुधवार दोपहर गांव की पहाड़ी पर काफी देर तक मादा पैंथर अपने बच्चे के साथ बैठी रही।
पैंथर की झलक देखने आते हैं पर्यटक
सैणा की पहाडिय़ों में पैंथर की झलक देखने बड़ी तादाद में देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं। यहां पहाडिय़ों की सफारी और पैंथर आकृषण का केन्द्र है। लॉकडाउन के कारण पिछले कई महीनों से सफारी और पर्यटन क्षेत्र की गतिविधियां बंद थीं। राज्य सरकार ने बुधवार को ही पर्यटन को रियायत दी। लम्बे समय बाद पर्यटन क्षेत्र में फिर से हलचल शुरू हुई है।