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शौर्य का अपमान : जहां महाराणा की प्रतिमा सुना रही गौरव गाथा, वहीं सुखा रहे कपड़े, पढ़ें पूरी खबर…

Maharana Pratap Birthplace : -पाली से सैलानियों की बढ़ रही दूरी

पालीFeb 17, 2020 / 03:42 pm

Suresh Hemnani

शौर्य का अपमान : जहां महाराणा की प्रतिमा सुना रही गौरव गाथा, वहीं सुखा रहे कपड़े, पढ़ें पूरी खबर...

शौर्य का अपमान : जहां महाराणा की प्रतिमा सुना रही गौरव गाथा, वहीं सुखा रहे कपड़े, पढ़ें पूरी खबर…

-सुरेश हेमनानी
पाली। कहने को तो शहर के धानमंडी में स्थित महाराणा प्रताप जन्मस्थली पर प्रतिमा स्थापित की गई। प्रताप को मान दिलाने के लिए सौंदर्यकरण के कार्य भी कराए गए। लेकिन, इन दिनों यहां सैलानियों के बजाय कुछ अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है। यहां पर कुछ लोग इस परिसर को कपड़े सूखाने के काम में ले रहे हैं। इतना ही नहीं यहां हर दम मवेशियों का भी जमघट लगा रहता है।
दरअसल, महाराणा प्रताप जन्म स्थली परिसर में महाराणा प्रताप की प्रतिमा स्थापित की गई है। इसके साथ ही इस परिसर में नागणेच्चिया माता का मंदिर, माता रानी भटियाणी का मंदिर, मुस्लिम समाज की दरगाह, जिला आयुर्वेद अस्पताल, पुलिस चौकी, पुलिस कर्मियों के ठहरने के कमरे सहित तीन विद्यालय भवन भी हैं। बावजूद इसके यहां के लोग साफा सूखाने का कार्य करते हैं। इससे यहां आने वाले लोगों को रास्ता नहीं मिलता। ये ही कारण है कि प्रताप की प्रतिमा के दीदार के लिए पहुंचने वालों को भी परेशानी से दो-चार होना पड़ता है। इन सैलानियों की परेशानी यहां मवेशियों के जमघट के कारण और ज्यादा बढ़ जाती है।
हॉल व आर्ट गैलरी का निर्माण भी अधर में
महाराणा प्रताप जन्म स्थली पर सांसद कोटे से हॉल का निर्माण प्रस्तावित है। इसके साथ ही नगर परिषद की ओर से आर्ट गैलरी का निर्माण होना है। लेकिन अभी तक जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है।
नहीं लगाए गए काउकैचर
वैसे तो यहां मवेशियों को रोकने के लिए नगर परिषद की ओर से काउकैचर लगाए जाने थे। लेकिन, परिषद ने लोहे के
काउकैचर भी लाकर तो रख दिए। लेकिन, अभी तक ये लगाए नहीं गए हैं। ऐसे में यहां मवेशियों का विचरण होता रहता है।
कई बार रोका
महाराणा प्रताप जन्मस्थली पर साफा सूखाने वाले लोगों को कई बार रोका गया है। बावजूद इसके वे नहीं मानते। मवेशियों के प्रवेश को रोकने के लिए लोहे के काउकैचर भी लाकर रखे गए हैं। लेकिन, इनका उपयोग नहीं किया गया है। –चंपालाल सिसोदिया, महामंत्री, महाराणा प्रताप जन्मस्थली विकास समिति, पाली।

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