आइसोलेशन वार्ड में नियुक्त चिकित्सक डॉ. एचएम चौधरी के पिता 104 वर्ष के तो पोती 45 दिन की है। उनको अपने पिता व पोती के कक्ष में जाने की इजाजत पत्नी खुशबू चौधरी ने नहीं दी है। वे बताती है कि डॉक्टर साहब के घर आने पर सबसे पहले सभी चीजों को सेनेटाइज करवाती हूं। इसके बाद पीछे बनाई गली में स्नान करने के बाद वे हॉल तक आ सकते है। जहां उनका बैठने व खाने का स्थान तय है। बा से वे आशीर्वाद लेते हैं, लेकिन दूर से। पोती को भी कमरे के गेट पर खड़े होकर ही देखने देते हैं।
मेडिकल कॉलेज के सहायक आचार्य डॉ. लक्ष्मण सोनी की माता लीला देवी और पिता नरेन्द्र सोनी ने बेटे को मकान में ऊपर आने से मना कर रखा है। वे बताते हैं कि बहू प्रिंयका सोनी भी डॉक्टर है। जो जोधपुर गई है। बेटा आइसोलेशन वार्ड में जाता है। इस कारण उसको पोतों के पास नहीं आने देते हैं। उसे सीढिय़ों पर खड़े होकर बच्चों से बात करने की छूट है। उसका भोजन भी हम नीचे ही भेजे है। उसके लिए नीचे ही एक कमरा तय किया हुआ है। उसी में वह अस्पताल से आने बाद रहता है।