इन फैक्ट्रियों का रंगीन पानी सुबह-सुबह छोड़ा जाता है ताकि किसी को संदेह भी न हो। फैक्ट्रियों का रंगीन पानी पुराना आरटीओ ऑफिस के निकट सीवरेज के नाले में शामिल होता है। यहां साफ तौर पर नजर आता है कि यह पानी फैक्ट्रियों का है। दिन में पानी का प्रेशर कम रहता है।
रीको ऑफिस के बाहर नाले अभी भी रंगीन पानी से भरे पड़े हैं। रीको ऑफिस के आसपास और सुल्तान स्कूल के गेट तक चारों तरफ से आने वाले नालों में रंगीन पानी बह रहा है। पत्रिका ने लगातार दो दिन तक नजर रखी। इस कारनामे का बारीकी से अवलोकन किया तो चौंकाने वाली स्थितियां सामने आई। इतना ही नहीं, रीको के नालों में कई फैक्ट्रियों के पाइप तक छोड़े हुए हैं। इन पाइपों के जरिए फैक्ट्रियों का रंगीन पानी नालों में पहुंच रहा है।
कपड़ा इंडस्ट्री पर संकट के बादल पहले से ही मंडराए हुए हैं। प्रदूषण फैलाने की कारगुजारियों का खामियाजा पूरी इंडस्ट्री भुगत रही है, फिर भी कई उद्यमी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे। ऐसे में पूरे कपड़ा उद्योग को कलंकित होना पड़ रहा है।