पाली जेल की क्षमता 65 बंदियों की है। यहां क्षमता से दोगुने 130 बंदी बंद है। जगह कम होने के बावजूद नवरात्रा व रमजान के दिनों में सभी बंदी सद्भाव से रह रहे हैं। जिनके नवरात्र का व्रत है, उनका विशेष ख्याल रखा जा रहा है। रोजा करने वाले बंदियों की देखरेख का जिम्मा हिंदू बंदियों ने उठाया है।
व्रत करने व रोजा करने वाले बंदियों के खाने के लिए उनकी पसंद का भी पूरा ख्याल रखा जाएगा। व्रत रखने वाले बंदी एक दिन पहले अपने खाने में पसंदीदा सब्जी के बारे में बता देते हैं। जेल प्रशासन उनकी पसंदीदा सब्जी मंगाता है। ऐसा ही रोजा करने वालों के साथ व्यवस्था की गई है।
जेल में जगह कम है, बंदियों की संख्या भी अधिक है। इस त्योहार में हिंदू-मुस्लिम बंदी साम्प्रदायिक सद्भाव की मिसाल पेश कर रहे हैं। नवरात्र व रमजान में दोनों एक दूसरे का ख्याल रखते हुए खाना पका रहे हैं। जेल में माहौल अच्छा है, यह पहल सराहनीय है।