प्रदेश में भाजपा ही नहीं कांग्रेस का भविष्य भी काफी हद तक प्रत्याशियों के चयन पर निर्भर करेगा। भाजपा को तीन दिन में मिले फीडबैक में भी यह सामने आया है। कई जगह मौजूदा विधायकों का भुलकर विरोध हुआ। ऐसे में पार्टी एंटीइनकंबेंसी कम करने के लिहाज से कितने चेहरे बदलेगी, यह भी चुनाव परिणामों का महत्पूर्ण फेक्टर हागा। कांग्रेस में भी हर सीट पर दावेदारों की संख्या ज्यादा है। ऐसे में प्रत्याशी के चयन पर भी हार-जीत का फैसला निर्भर करेगा।
बीकानेर, जोधपुर, उदयपुर और कोटा संभाग में भाजपा ने पिछले चुनाव में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। चारों संभागों की कुल 102 सीटों में से 88 पर भाजपा जीती थी। भाजपा के लिए यह इतिहास दोहराना बड़ी चुनौती है। पार्टी के सामने बड़ी चिंता यह भी है कि पिछला प्रदर्शन कैसे बरकरार रखा जाए। यही नहीं, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे स्वयं कोटा संभाग से चुनकर आती है। ऐसे में इस संभाग की 17 सीटों पर पार्टी का जीतना काफी मायने रखता है।
संभाग कुल सीटें भाजपा के पास
जोधपुर 33 30
बीकानेर 24 17
उदयपुर 28 25
कोटा 17 16