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मुख्यमंत्री ने आखिर रणकपुर में ही क्यों किया कैंप, पढि़ए पूरी खबर

-प्रदेश की आधी से ज्यादा सीटों पर हुआ मंथन-मुख्यमंत्री समेत प्रदेश पदाधिकारियों ने की रायशुमारी

पालीOct 17, 2018 / 12:41 pm

Suresh Hemnani

Rajasthan Assembly election 2018

मुख्यमंत्री ने आखिर रणकपुर में ही क्यों किया कैंप, पढि़ए पूरी खबर

राजेन्द्रसिंह देणोक-

पाली। पांच साल पूर्व रणकपुर की रणनीति से अभूतपूर्व बहुमत पाकर सत्ता में आई भाजपा के लिए रणकपुर का इतिहास दोहराना बड़ी चुनौती है। पार्टी ने इस बार भी रणकपुर से ही रणनीति बनाई है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समेत चुनाव प्रबंधन समिति का रणकपुर में तीन दिन का कैंप कितना कारगर साबित होगा, इसका फैसला करीब दो माह बाद होगा। लेकिन बहुमत के लिए जरूरी आंकड़े तक की सीटों पर पार्टी मंथन कर चुकी है। इसमें पार्टी को कई कड़वे अनुभवों से भी गुजरना पड़ा। मौजूदा विधायकों के प्रति कार्यकर्ताओं के मन में दबी चिंगारी चुनाव के एनवक्त बाहर निकली है। यह पार्टी के लिए नुकसानदायक साबित होगी अथवा उसे चुनाव से पहले ही बुझा लिया जाएगा, यह चुनाव परिणाम ही उजागर करेंगे। संयोग कहें या भाजपा की चुनावी रणनीति का हिस्सा, पांच साल बाद भी भाजपा ने प्रत्याशियों के चयन और जमीनी फीडबैक जुटाने के लिए अरावली की पहाडिय़ों में आबाद पर्यटक स्थल रणकपुर को ही चुना। इतना ही नहीं, पार्टी ने उसी होटल परिसर को चुना, जहां की दीवारें पांच साल पहले भी शानदार जीत की रणनीति की गवाह रही है। भाजपा ने तीन दिन में बीकानेर, जोधपुर, उदयपुर और कोटा संभाग की 102 सीटों पर रणकपुर में मंथन किया, जिसमें से 88 सीटों पर अभी भाजपा काबिज है।
प्रत्याशियों के चयन से तय होगा भविष्य
प्रदेश में भाजपा ही नहीं कांग्रेस का भविष्य भी काफी हद तक प्रत्याशियों के चयन पर निर्भर करेगा। भाजपा को तीन दिन में मिले फीडबैक में भी यह सामने आया है। कई जगह मौजूदा विधायकों का भुलकर विरोध हुआ। ऐसे में पार्टी एंटीइनकंबेंसी कम करने के लिहाज से कितने चेहरे बदलेगी, यह भी चुनाव परिणामों का महत्पूर्ण फेक्टर हागा। कांग्रेस में भी हर सीट पर दावेदारों की संख्या ज्यादा है। ऐसे में प्रत्याशी के चयन पर भी हार-जीत का फैसला निर्भर करेगा।
चार संभाग बनेंगे चुनौती?
बीकानेर, जोधपुर, उदयपुर और कोटा संभाग में भाजपा ने पिछले चुनाव में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। चारों संभागों की कुल 102 सीटों में से 88 पर भाजपा जीती थी। भाजपा के लिए यह इतिहास दोहराना बड़ी चुनौती है। पार्टी के सामने बड़ी चिंता यह भी है कि पिछला प्रदर्शन कैसे बरकरार रखा जाए। यही नहीं, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे स्वयं कोटा संभाग से चुनकर आती है। ऐसे में इस संभाग की 17 सीटों पर पार्टी का जीतना काफी मायने रखता है।
आंकड़ों की जुबानी
संभाग कुल सीटें भाजपा के पास
जोधपुर 33 30
बीकानेर 24 17
उदयपुर 28 25
कोटा 17 16

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