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रक्षा बंधन नहीं था फिर भी भाइयों ने किया रक्षा का संकल्प…पढ़े क्यों

समुद्र मंथन में उमड़ा गांव, भाई ने बहन को चुनरी ओढा निभाई परम्परा

पालीSep 12, 2019 / 11:45 pm

Rajeev

रक्षा बंधन नहीं था फिर भी भाइयों ने किया रक्षा का संकल्प...पढ़े क्यों

रक्षा बंधन नहीं था फिर भी भाइयों ने किया रक्षा का संकल्प…पढ़े क्यों

देसूरी. निकटवर्ती अटाटिया गांव में गुरुवार को सन्तों के सान्निध्य में समुद्र मंथन का आयोजन धूमधाम के साथ किया गया। जिसमें ग्रामीण महिलाओं ने उत्साह से भाग लिया। गांव में स्थित मामा नाड़ी पर सुबह 7 बजे शुभ मुहूर्त में विधिविधान के साथ कार्यक्रम का आरम्भ हुआ। जहां पंडित कन्या महाराज के सान्निध्य में धार्मिक अनुष्ठान व पूजा अर्चना की गई। महिलाओं ने सरोवर की परिक्रमा लगाने के बाद जल में प्रवेश किया। उसके बाद भाइयों ने अपनी बहिनों को हाथ पकड़ कर बाहर निकाला व चुनरी ओढाई। मान्यता के अनुसार जिस ***** का भाई समुद्र मंथन में नहीं आता है वो ***** काफ ी हतोत्साहित होकर स्वयं को असहज एवं अकेलापन का आभास करती है। इस अवस पर सैकड़ों ग्रामीणी उपस्थित थे।
देर रात तक झूमे श्रोता
लुणावा. कस्बे में समुद्र मंथन महोत्सव के तहत कई कार्यक्रम आयोजित हुए। जलेरी माता मंदिर परिसर में भजन संध्या का आयोजन हुआ। भजन संध्या में दिल्ली की कुणाल एंड पार्टी ने एक से बढक़र एक प्रस्तुतियां देकर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। सुबह आचार्य ओमप्रकाश ओझा के सान्निध्य में 11 पंडितों द्वारा उसब कंवर केसरसिंह राजपूत व अनसुइया कंवर खीमसिंह राजपुरोहित द्वारा जलेरी माताजी व तालाब का पूजन कर समुन्द्र मंथन कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस दौरान लुणावा सरपंच मोहनलाल चौधरी, गुलाबराम कुमावत, हीरसिंह राजपुरोहित, गुमानसिंह, भंवरलाल कुमावत, मानाराम प्रजापत, राजाराम चौधरी, वरदीसिंह राजपुरोहित, जयनारायण वैष्णव, ओमप्रकाश ओझा, दूदाराम चौधरी, नरसिंग रावल, बाबूलाल कुमावत, नारायणलाल सोलंकी, वरदाराम, समाराम, ओगडराम लोहार, बाबूलाल, मोहनलाल, प्रतापराम सुथार, मोनाराम प्रजापत, मोटाराम मेघवाल, पन्नालाल कुमावत, बंसीलाल कुमावत, गौतम कुमार, उम्मेदमल, शिशिर कुमार, वागाराम कुमावत, कालूराम प्रजापत, मांगीलाल, कपूरराम, भूराराम चौधरी, शंकरलाल, बसंत सेन, दीपाराम, समाराम सहित बड़ी संख्या में सभी ग्रामीण मौजूद थे।
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