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पाली

लॉकडाउन में श्रमिकों के जीने का सहारा बना रेडिमेड गारमेंट व्यवसाय, पढ़ें पूरी खबर…

अब लाखों प्रवासियों की किस्मत बदलेगा : प्रदूषण की समस्या से परेशान उद्यमी उतरे रेडीमेड गारमेंट के कारोबार में

पालीJun 23, 2020 / 01:56 pm

rajendra denok

लॉकडाउन में श्रमिकों के जीने का सहारा बना रेडिमेड गारमेंट व्यवसाय, पढ़ें पूरी खबर...

लॉकडाउन में श्रमिकों के जीने का सहारा बना रेडिमेड गारमेंट व्यवसाय, पढ़ें पूरी खबर…

-राजेन्द्र सिंह देणोक
पाली। प्रदूषण की मार से टेक्सटाइल उद्योग में बिजनेस का बदला टे्रंड लाखों प्रवासियों की किस्मत बदल सकता है। यह ऐसा कारोबार है, जिसमें प्रवासी सहजता से किस्मत तो आजमा ही सकेंगे, यहां भी सफलता के झंडे गाड़ सकेंगे। कोरोना महामारी के बाद लौटे प्रवासी राजस्थानियों के सपनों को परवाज देने के लिए उन्हें रेडीमेड गारमेंट के व्यवसाय से जोडऩे की कवायद चल रही है।
पिछले दो-तीन सालों में यहां करीब एक दर्जन उद्यमी रंगाई-छपाई का काम छोड़ रेडीमेेड गारमेंट के कारोबार में उतरे हैं। यह आइडिया इतना हिट हुआ कि कम समय में रेडीमेेड गारमेंट का कारोबार सालाना पांच सौ करोड़ के पार पहुंच गया। प्रदेश और देश ही नहीं, सात समंदर पार भी पाली के चटख रंगों से बना सलवार-कुर्ता पसंद किया जा रहा है। सूट का कपड़ा तमिलनाडू के इरोड, कोयम्बटूर और तिरुपुर आदि शहरों से मंगवाया जाता है। इसके बाद का पूरा प्रोसेस स्थानीय स्तर पर ही होता है।
इसलिए बदला व्यवसाय
पाली में जैसे-जैसे रंगाई-छपाई उद्योग आबाद हुआ, प्रदूषण की समस्या गहराती गई। पिछले दो दशक में प्रदूषण की मार से कपड़ा उद्योग की हालत पतली हो गई। कई बार फैक्ट्री बंद करनी पड़ती है। इससे परेशान होकर कई उद्यमियों ने रेडीमेड गारमेंट की तरफ रुख किया।
रोजगार का नया विकल्प
शहर की करीब एक दर्जन इकाइयों में सलवार सूट बनता है। इसमें करीब पांच हजार श्रमिक काम करते हैं। प्रिंटिंग, फिनिसिंग और सिलाई का काम यूपी, बिहार और राजस्थान के श्रमिक करते हैं। इसमें स्थानीय श्रमिकों की संख्या भी काफी है। धागा कटिंग और पैकिंग में 30 फीसदी स्थानीय श्रमिक है। पूर्व में रंगाई-छपाई का काम करने वाले श्रमिकों को भी इसमें ट्रेंड किया जा रहा है।
प्रवासियों के लिए अच्छा विकल्प
कोरोना महामारी के कारण अन्य राज्यों में व्यवसाय और नौकरी करने वाले पाली, जालोर व सिरोही में करीब साढ़े चार लाख प्रवासी राजस्थानी घर लौटे हैं। यहां के ज्यादातर प्रवासी रेडीमेड, इलेक्ट्रॉनिक्स, फूड जैसे कारोबार से जुड़े हुए हैं। पाली में रेडीमेड गारमेंट के व्यवसाय की संभावनाएं अत्यधिक है। ऐसे में प्रवासियों को व्यवसाय और श्रम के लिहाज से यहां बड़ी संख्या में अवसर मिल सकता है। इसके लिए सरकार और जिला प्रशासन को पहल करने की जरूरत है।
सुनहरा भविष्य
पाली में रेडीमेड गारमेंट का सुनहरा भविष्य है। स्थानीय श्रमिकों को बड़े पैमाने पर रोजगार मुहैया कराया जा सकता है। फिलहाल, करीब एक दर्जन इकाइयों में काम चल रहा है। –पियूष गोगड़, कमलेश गुगलिया रेडीमेड गारमेंट व्यवसायी
प्रवासियों को करेंगे प्रेरित
पिछले कुछ समय से यहां रेडीमेड गारमेंट की कई इकाइयां शुरू हुई है। यहां इसका भविष्य अच्छा माना जा रहा है। प्रवासियों को भी रेडीमेड गारमेंट का व्यवसाय और काम करने के लिए प्रेरित करेंगे। –अब्दुल रज्जाक, महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र, पाली

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