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पत्रिका स्टिंग : बिना डॉक्टर पर्ची के खतरनाक दवाइयों की बिक्री, कोई रोक-टोक नहीं, यह जानलेवा

दवा दुकानदार ही बन जाते हैं चिकित्सक : बिना चिकित्सक पर्ची के पाली में मिल जाती है हर दवा

पालीNov 24, 2021 / 07:15 am

Suresh Hemnani

पत्रिका स्टिंग : बिना डॉक्टर पर्ची के खतरनाक दवाइयों की बिक्री, कोई रोक-टोक नहीं, यह जानलेवा

पत्रिका स्टिंग : बिना डॉक्टर पर्ची के खतरनाक दवाइयों की बिक्री, कोई रोक-टोक नहीं, यह जानलेवा

राजकमल व्यास/चैनराज भाटी
पाली। पाली में बिना चिकित्सक की पर्ची के ही ऐसी दवाएं मिल जाती है, जो केंद्र सरकार की ओर से शेड्यूल एच-1 में शामिल है और इन दवाओं को बिना चिकित्सक के प्रिस्किप्शन के बेचने पर प्रतिबंध लगाया है। बावजूद इसके ऐसी दवाइयां शहर सहित मारवाड़ गोडवाड़ में खुलेआम बिक रही हैं। इनमें एक दर्जन से अधिक दवाएं तो ऐसी हैं, जिनका उपयोग नशेड़ी करते हैं।
पाली शहर सहित सोजतरोड, जैतारण सहित जिले के शहर-कस्बों के कुछ मेडिकल स्टोरों पर बिना डॉक्टर के प्रिस्किप्शन के प्रतिबंधित दवाएं भी आसानी से मिल रही हैं। पत्रिका टीम ने जब पाली शहर के सूरजपोल पर मेडिकल स्टोर पर खांसी कोडिन वाली दवा मांगी तो आसानी से मिल गई। इसी प्रकार दर्द के काम आने वाली थर्माडोल फार्मुले की दवा भी बिना पर्ची दे दी गई। इन दवाओं के संबंध में डॉक्टरों से बात की तो पता चला कि अवसाद, तनाव व अन्य मानसिक रोगों के उपचार में काम आने वाली दवाएं लोग नशे के लिए बिना डॉक्टर के प्रिस्किप्शन के ही लेना शुरू कर देते हैं। इसी तरह सिप्रोफ्लाक्सिन जैसी एंटीबायोटिक दवाएं भी लोग बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के ले लेते हैं, जिसके साइड इफैक्ट्स भी हो सकते हैं। ऐसी 40 से अधिक दवाओं को बिना डॉक्टर की पर्ची के बेचने पर रोक लगी हुई है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।
रिकॉर्ड रखना होता है मेडिकल स्टोर संचालक को
नियमों की बात करें तो मेडिकल स्टोर संचालक को इनका रिकॉर्ड रखना होता है। इन प्रतिबंधित दवाओं को बेचने के लिए दवा विक्रेताओं को एक रजिस्टर मेंटेन करना होगा। इसमें तारीख, मरीज का नाम, डॉक्टर का नाम, बैच नंबर, पर्चे की फोटो कॉपी तथा मोबाइल नंबर का रिकॉर्ड रखना होता है।
केस-एक : हड्डियां कमजोर, सुबह उठते ही दवा का नशा
सोजतरोड निवासी वीरू (बदला हुआ नाम) पहले शराब का सेवन करना था। इससे छुटकारा पाने के लिए अपने साथियों के कहने पर उसने कफ सिरप का सेवन शुरू कर दिया। लेकिन, लगातार सेवन से कफ सिरप ही अब उसके लिए नशे का विकल्प बन गई। अब तो सुबह उठते ही चाय से पहले उसे कफ सिरप का सेवन करना पड़ता है। इसके अभाव में उसका दिमाग भी काम नहीं करता। चिंताजनक बात तो ये है कि कफ सिरप में आने वाले कोडिन के कारण उसकी हड्डियां कमजोर हो चुकी है। उसकी हड्डियों से लगातार कैल्शियम उतर रहा है। बावजूद इसके वह दवा के इस नशे को नहीं छोड़ पा रहा है।
केस-दो : नींद की गोली से नशा
जैतारण निवासी रमेश (बदला हुआ नाम) को एक साल पहले मानसिक बीमारी के चलते चिकित्सक ने नींद की गोली लिखी थी। बाद में इसे बंद कर दी गई। लेकिन, रमेश को इसका नशा हो गया। वह रोजाना तीन से चार नींद की गोलियां खा जाता है। बिना चिकित्सक पर्ची व सलाह के युवक ये दवाइयां लेता है। इन गोलियों के नशे से वह लगातार शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर हो रहा है। परिजन खुद इसको लेकर हैरान है। जैतारण शहर में कफ सिरप, नींद की गोलियों के नशे की जद में कई युवा चपेट में आ रहे हैं।
क्या है शेड्यूल एच-1
जिन दवाओं के लगातार सेवन से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता खत्म होने लगती है, इन दवाओं की लिस्टिंग करवाकर इन्हें विभिन्न शेड्यूल में शामिल कर सरकार बिना डॉक्टर के प्रिस्किप्शन के बेचने पर समय-समय पर प्रतिबंध लगाती है।
यह खतरनाक है
बिना चिकित्सक प्रिस्क्रिप्शन के एंटीबायोटिक दवाएं व अन्य शेड्यूल एच वन की दवाइयां देना खतरनाक है। इन्हें बिना चिकित्सकीय सलाह से लेने से शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ते है। यह खतरनाक है। इन पर रोक लगनी चाहिए। – डॉ. विरेन्द्र चौधरी, वरिष्ठ फिजिशीयन, बांगड़ मेडिकल कॉलेज, अस्पताल, पाली।
यह गलत है, कार्रवाई करेंगे
शेड्यूल एच वन की दवाइयां बिना डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन के देना गलत है। ऐसा कोई मेडिकल स्टोर संचालक करता है तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। – भरत गोस्वामी, सहायक औषधि नियंत्रक, पाली।
पत्रिका व्यू : बचें इस जहर से
कफ सिरप, दर्द निवारक दवाइयां, नींद की गोलियां व एंटी बायोटिक दवाइयां बीमारी में काम आती है। इन्हें चिकित्सक की प्रिस्क्रिप्शन से ही लेना होता है। लेकिन, आज का युवा नशे की जद मेें इनका उपयोग कर रहा है। ये खतरनाक है। ये युवाओं को अंदर से खोखला कर रहा है। युवाओं को ऐसे दवा रूपी जहर से बचना चाहिए। दवा विक्रेता भी छोटे से मुनाफे के चक्कर में इन्हें बिना पर्ची के ही बेच देते हैं। ड्रग्स कंट्रोल विभाग व प्रशासन को चाहिए कि ऐसी बिक्री पर तुरंत रोक लगाएं। जो गलत तरीके से धंधा कर रहे हैं। उन पर कार्रवाई अमल में लाई जाएं।

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