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पाली

मीठा पानी ग्रामीणों को नसीब नहीं हो रहा है

– ग्रामीण क्षेत्रों में होने लगी पेयजल किल्लत- अव्यवस्थाओं के बीच ग्रामीणों के कण्ठ प्यासे

पालीNov 28, 2018 / 11:55 am

rajendra denok

Sweet water villagers are not getting fortune

मीठा पानी ग्रामीणों को नसीब नहीं हो रहा है

पाली। इस बार इन्द्र देव की बेरुखी और बांध-तालाबों के सूखे होने के कारण अभी से ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल के हालात बिगडऩे लगे हैं। गांव का तालाब रीतने लगे हैं और बांध का पानी तल की ओर जाने लगा है। ऐसे में कई गांवों में संसाधन होने के बावजूद मीठा पानी ग्रामीणों को नसीब नहीं हो रहा है। मारवाड़ जंक्शन उपखण्ड क्षेत्र में अभी से ग्रामीणों को हैण्डपम्प पर निर्भर रहना पड़ रहा है। जबकि यहां पर भूमिगत जल में फ्लोराइड की मात्रा अत्यधिक है
आऊवा. मारवाड़ जंक्शन उपखण्ड का ऐसा गांव है जहां आज भी ग्रामीण मीठे पानी को तरस रहे हैं। यहां पानी का टांका तो है लेकिन उसमें खारा पानी है। टांके की सफ ाई भी नहीं की जाती। ग्रामीणों का कहना है कि मीठा पानी आता तो लेकिन कभी कभार। उस दौरान भी भीड़ के कारण धक्कामुक्की तक हो जाती है। गांव के हैण्डपम्पों से खारा पानी आता है। यहां तक कि पानी की पाइप लाइन भी नहीं है। पहले कई बार जनप्रतिनिधियों को पानी के लिए अवगत करवाया गया पर आज तक किसी ने भी गांव पर ध्यान नहीं दिया। गांव में पेयजल समस्या को लेकर जनप्रतिनिधियों व प्रशासन के प्रति ग्रामीणों ने रोष जताया है।
केशरसिंह गुड़ा पंचायत के मानी गांव में 200 घरों की बस्ती होने के बावजूद अब भी पानी जैसी मूलभूत समस्या है। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव को हमेशा नजरअंदाज किया गया है। गांव में पानी का एक टांका है। पहले बोरवेल से सीधे पानी टाके में छोड़ा जाता था लेकिन जवाई बांध परियोजना की पाइपलाइन को सीधी टांके से जोड़ा गया है। पाइप लाइन से टांके में ग्रामीणों के लिए मीठा पानी उपलब्ध करवाया जाता है लेकिन 4-5 दिन में एक बार ही टांके में पानी आता है। ऐसे में ग्रामीणों को गांव में लगे हैण्डपम्पों पर ही निर्भर रहना पड़ता है। भूमिगत जल में फ्लोराइड की मात्रा होने क कारण लोग बीमार भी हो रहे हैं।
दस दिन ही पानी आता है
जावाई का मीठा पानी कभीकभार आता है। हैंडपम्प से पानी भी खारा आता है। जब मीठा पानी आता है तो पूरा गांव कतार में लग जाता है। कभी तो महीने में 10 दिन ही पानी आता है। वो भी आधे या एक घंटे के लिए।
सम्पत कं वर, समंदर कं वर, भंवरी देवासी, सुशीला देवी
गांव में ना तो पानी निकासी के लिए नालियां हैं ना ही गांव में आने जाने के लिए के लिए वाहन सुविधा है। कई बार जनप्रतिनिधि को अवगत करवाया पर गांव को हर बार नजर अंदाज किया गया। पानी की भी समस्या है।
गोविन्दराम मेगवाल, दशरथ सिंह, ओगड़ सिंह, शैतान सिंह
मानी गांव में मीठे पानी की समस्या है। चार पांच दिन में एक बार ही गांव में मीठा पानी आता है।
सुंदर देवी, उपसरपंच, केशर सिंह गुड़ा
जवाई बांध में पानी कम होने की वजह से एक निश्चित अनुपात में पानी छोड़ा जा रहा है। चार दिन में एक बार पानी टांके में पहुंचाया जा रहा है।
युवराज चौबीसा, पाइप लाइन, इंचार्ज, जावाई बांध पाइप लाइन

खिंवाड़ा . वणदार ग्राम पंचायत के गुड़ा दौलजी गांव में जलदाय विभाग की लापरवाही व अनदेखी के चलते पिछले छह माह से जलापूर्ति बंद है। ग्रामीण हैण्डपम्प का खारा व फ्लोराइडयुक्त पानी पीने को मजबूर हैं और जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं। हालात ये हैं कि ग्रामीणों में इस खारे पानी का प्रभाव भी नजर आने लगा है।
गुड़ा दौलजी के मंगलाराम देवासी ने बताया कि वणदार गांव से पाइप लाइन के जरिए गांव में स्थित टंाके में पानी की सप्लाई की जाती है। गत छह माह से गांव में पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है। इससे जनता को मीठे पानी के अभाव में खारा पानी पीना पड़ रहा है। खारे पानी के चलते कई ग्रामीणों में कमरदर्द, कुबड़ापन भी आने लग गया है। शिक्षक केसाराम रांगी ने बताया कि गांव स्थित पेयजल टांके में गत छह माह से पानी की सप्लाई नहीं हो रही है। कई बार हमने ग्रामीणों के साथ इस बारे में पंचायत समिति के अधिकारियों को अवगत कराने के बावजूद पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है। इसके चलते गांव में लगे दो हैण्डपम्पों पर ग्रामीण निर्भर हैं। उसमें भी अत्यधिक फ्लोराइड होने की वजह से वह पानी भी पीने लायक नहीं है, फिर भी ग्रामीण ये खारा पानी पी रहे हैं।
सरपंच का कहना है
वणदार से गुड़ा दौलजी गांव तक जलदाय विभाग ने पाइप लाइन डाली गई है, लेकिन पिछले काफी समय से उक्त पाइप लाइन में जगह-जगह लीकेज हो गए हैं। इससे गुड़ा दौलजी गांव में पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है। इस बारे में जलदाय विभाग को कई बार अवगत कराने के बाद भी उक्त पाइप लाइन को दुरुस्त नहीं करवाया जा रहा है। ग्राम पंचायत के पास भी इसके लिए बजट नहीं होने से पंचायत भी पाइप लाइन के लीकेज को दुरुस्त नहीं करवा पा रही है।
औंकारसिंह चारण, सरपंच, ग्राम पंचायत, वणदार

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