महेंद्र सिंह स्कूल समय से एक घण्टे पहले अपने घर से साइकिल लेकर निकल जाते है। जबकि शब्बीर आधा घण्टे पहले निकलते हैं। स्कूल समय के बाद यही समय इन्हें घर पहुंचने में लगता है। इस तरह साइकिल पर आवाजाही से इन्हें रोजाना दो घण्टे अतिरिक्त समय लगता है।
शिक्षकों ने बताया कि वाहनों से निकलने वाले धुंए से पर्यावरण दूषित होता है। पर्यावरण संरक्षण को लेकर हर नागरिक जागरूक बने इसके लिए इन्होंने ये पहल की। बाइक घर पर रख नई साइकिल खरीदी। अब स्कूल आवाजाही साइकिल से ही करते है। नियमित साइकिल चलाने से पर्यावरण के साथ स्वास्थ्य को भी लाभ है।
ये दोनों शिक्षक अपनी इस पहल के बारे में क्षेत्र के अन्य गांवों की सरकारी स्कूल के शिक्षकों को भी साइकिल पर स्कूल आवाजाही के लिए प्रेरित कर रहे हैं। स्कूल परिसर व आम रास्ते पर पौधरोपण करने का भी संदेश दे रहे हैं।