कोर्ट कमिश्नर से दोबारा कराएंगे सीइटीपी का जमीनी आकलन
पाली. कपड़ा इकाइयों से प्रदूषण फैलने के मामले में किसान संघर्ष समिति की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सीइटीपी के पैरामीटर और प्रदूषणजन्य हालातों का जमीनी आकलन करने के लिए दोबारा कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया है।
कोर्ट कमिश्नर से दोबारा कराएंगे सीइटीपी का जमीनी आकलन
पाली. कपड़ा इकाइयों से प्रदूषण फैलने के मामले में किसान संघर्ष समिति की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सीइटीपी के पैरामीटर और प्रदूषणजन्य हालातों का जमीनी आकलन करने के लिए दोबारा कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया है। एनजीटी से नियुक्त बिट्स पिलानी के प्रोफेसर अजीतप्रतापसिंह अगले एक माह में सीइटीपी की व्यवस्थाओं का आकलन करेंगे। जस्टिस राघवेन्द्रसिंह राठौड़ एवं सत्यवानसिंह गर्बियाल ने सीइटीपी द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट पर शुक्रवार को सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान सीइटीपी के अधिवक्ता द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में दावा किया कि वर्तमान में सीइटीपी प्लांट निर्धारित पैरामीटर के अनुरूप चल रहा है। सभी तरह के डिस्चार्ज भीतर ही हो रहे हैं। इस पर जस्टिस ने कहा कि हमें वर्तमान हालात से रूबरू होना है। पूर्व में आयुक्त द्वारा सीइटीपी की व्यवस्थाओं का परीक्षण किया गया था। वर्तमान और तत्कालीन परिस्थितियों में कितना बदलाव आया है, इसका आकलन किया जाना जरूरी है। उन्होंने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने का आदेश देते हुए 18 नवम्बर को होने वाली सुनवाई से पूर्व जमीनी स्तर की रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण मंडल को कोर्ट कमिश्नर की एक लाख रुपए की फीस अदा करने और टीम को सहयोग करने के भी निर्देश दिए। जिला प्रशासन और पुलिस को सुरक्षा कारणों से व्यवस्थाएं करने की भी हिदायत दी। सुनवाई के दौरान प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी अमित शर्मा, सीइटीपी सचिव अरुण जैन, सूर्यप्रकाश चौपड़ा और किसान संघर्ष समिति के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
समिति को जवाब पेश करने का अंतिम मौका
किसान संघर्ष समिति के अधिवक्ता शुक्रवार को सुनवाई के दौरान निजी कारणों से पेश नहीं हो गए। कोर्ट ने कहा कि आवेदक चाहें तो अपना जवाब दे सकते हैं, लेकिन उनके लिए अब यह अंतिम होगा।
टीम पहले भी कर चुकी है दौरा
एनजीटी के आदेश पर पर्यावरण विशेषज्ञों की एक टीम पूर्व में भी सीइटीपी का दौरा कर चुकी है। उन्होंने सीइटीपी के सभी प्लांटों का दौरा किया था। डिस्चार्ज समेत विभिन्न व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर हालातों का जायजा लिया तथा निर्धारित समय में एनजीटी कोर्ट में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।
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