कंगारू केयर से नवजात को जीवनदान अस्पताल में भर्ती होने के दौरान दरिया देवी चिकित्सकों की देखरेख में अपने बच्चे को चार-पांच बार कंगारू केयर (बच्चे को स्किन से लगाकर रखना) देती थी। डॉ. रफीक कुरेशी ने बताया कि नवजात शिशु के बेहतर स्वास्थ्य तथा उसे बीमारियों से बचाने के लिए एक खास तरह की तरकीब अपनाई जाती है, जिसे कंगारू मदर केयर (केएमसी) कहा जाता है। इसमें मां नवजात शिशु को कंगारू की तरह अपनी स्किन से लगाकर रखती है। यह विधि इसलिए अपनाई जाती है, ताकि शिशु का सर्वोत्तम विकास हो सके।
आंतों में आ गई थी सूजन डॉ. स्वर्णकार ने बताया कि नवजात को नेजो गेस्ट्रीक नली से दूध पिलाया शुरू किया। लेकिन, ज्यादा कमजोर होने से उसकी आंतों में सूजन आने लग गई, जिस पर दूध देना बंद करना पड़ा। कुछ दिन बाद फिर से नेजो गेस्ट्रीक नली से दूध पिलाना शुरू किया। इस बीच पीलिया का भी उपचार किया। खून भी चढ़ाया। बाद में बच्चे का वजन धीरे-धीरे बढऩे लगा। 42 दिन बाद नवजात स्वस्थ हो गया। अब नवजात का वजन एक किलो 408 ग्राम है। चिकित्सकों को आवश्यक निर्देश भी दिए हैं।