राजस्थान पत्रिका ने 13 अक्टूबर को सरकारी दावों की पोल, रसोई गैस के दौर में चूल्हे से उठते धुएं के बीच पक रहा पोषाहार शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर हालात उजागर किए। हरकत में आए जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक विनोद कुमार शर्मा ने सोमवार को जिले के सभी सीबीईओ के नाम आदेश जारी किया है।
सख्त निर्देश
इस आदेश में राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित समाचार का उल्लेख करते हुए गैस कनेक्शन से वंचित स्कूलों की सूची मांगी है। सूची प्राप्त होते ही बजट जारी कर दिए जाने का भी जिक्र किया है। साथ ही निर्देशित किया कि जिन स्कूलों में गैस कनेक्शन होते हुए भी चूल्हे पर पोषाहार पकाया जा रहा है उन संस्थाप्रधान को गैस चूल्हे पर ही पोषाहार पकाने के लिए पाबन्द किया जाए।
इस आदेश में राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित समाचार का उल्लेख करते हुए गैस कनेक्शन से वंचित स्कूलों की सूची मांगी है। सूची प्राप्त होते ही बजट जारी कर दिए जाने का भी जिक्र किया है। साथ ही निर्देशित किया कि जिन स्कूलों में गैस कनेक्शन होते हुए भी चूल्हे पर पोषाहार पकाया जा रहा है उन संस्थाप्रधान को गैस चूल्हे पर ही पोषाहार पकाने के लिए पाबन्द किया जाए।
मर्ज स्कूलों के कहा चल रहे कनेक्शन
डीईओ शर्मा ने इस आदेश में ये भी जिक्र किया कि जो स्कूलों मर्ज हो गई थी उनके नाम के गैस कनेक्शन सम्बन्धित एजेंसी में जमा कराने थे, लेकिन ऐसे नहीं किया जाकर उन कनेक्शन का कहीं और उपयोग किया जा रहा है। सीबीईओ से ऐसे कनेक्शन की भी सूची मांगी है।
डीईओ शर्मा ने इस आदेश में ये भी जिक्र किया कि जो स्कूलों मर्ज हो गई थी उनके नाम के गैस कनेक्शन सम्बन्धित एजेंसी में जमा कराने थे, लेकिन ऐसे नहीं किया जाकर उन कनेक्शन का कहीं और उपयोग किया जा रहा है। सीबीईओ से ऐसे कनेक्शन की भी सूची मांगी है।
ये है मामला
सभी सरकारी स्कूलों में गैस कनेक्शन के लिए सरकार ने शिक्षा विभाग को बजट दे रखा है। बावजूद इसके जिले की 100 से अधिक स्कूलों में आज भी जंगल से लकड़ी बीन चूल्हे पर पोषाहार पकाया जा रहा है। चूल्हे से उठता धुआं कक्षाओं में जाने से छात्र-छात्राओं के दम घुटने लगता है। इसे लेकर विभाग द्वारा अनदेखी बरती जा रही है।
सभी सरकारी स्कूलों में गैस कनेक्शन के लिए सरकार ने शिक्षा विभाग को बजट दे रखा है। बावजूद इसके जिले की 100 से अधिक स्कूलों में आज भी जंगल से लकड़ी बीन चूल्हे पर पोषाहार पकाया जा रहा है। चूल्हे से उठता धुआं कक्षाओं में जाने से छात्र-छात्राओं के दम घुटने लगता है। इसे लेकर विभाग द्वारा अनदेखी बरती जा रही है।