पुनायता औद्योगिक क्षेत्र स्थित खेत में जहां भी टिटहरी दो अंडों के साथ दिखी है, वहीं किसान अच्छी बरसात की भविष्यवाणी कर रहे हैं। किसान इस्माइल खान का कहना है कि टिटहरी के साथ कई पक्षियों को बरसात का पूर्वानुमान पहले हो जाता है। ये पीढिय़ों का अनुभव है कि जब भी टिटहरी अंडे देती है तो मानसून अच्छा ही रहता है।
सामान्य तौर पर टिटहरी के अंडों से 18 से 20 दिन के अंदर बच्चे निकल आते हैं। नर व मादा टिटहरी मिलकर दिन रात अंडों की रखवाली करते हैं।
टिटहरी बेहद चौकन्ना पक्षी है, जो अपने पास आने वाले किसी भी जीव-जंतु, मनुष्य को देखकर तीखा शोर करते हैं। इनकी उम्र करीब 6-15 साल मानी गई है। इनकी आंखें व चोंच का हिस्सा लाल होता है।
चाहे विज्ञान इसको नहीं मानता हो, लेकिन ग्रामीण और किसान इसको पूरी तरह से मानते हैं। अक्सर टिटहरी पक्षी जमीन पर ही अंडे देती है। ये अंडे किसी ऊंचाई के स्थान पर किसानों को मिल जाए तो बरसात बहुत अच्छी होगी। किसी निचले हिस्से में टिटहरी के अंडे मिल जाएं तो किसानों को अनुमान होता है कि इस बार बरसात कम होगी। यह परम्पराएं सालों से चली आ रही है।