शहर के आशापुरा नगर खोडिय़ा बालाजी क्षेत्र में रहने वाली 70 साल की चांद कंवर पत्नी मोहनसिंह को बीमार होने पर उनके परिजन लोडिंग टैक्सी में लिटाकर बांगड़ चिकित्सालय के ट्रोमा सेंटर लेकर पहुंचे। वहां परिजनों ने कार्मिकों से महिला की तबीयत अधिक खराब होना बताया, लेकिन कार्मिकों ने ध्यान देने के बजाय उनको कोविड ओपीडी और सामान्य ओपीडी की तरफ जाने को कहा। वहां से कोविड मरीज नहीं होने का कहकर फिर ट्रोमा सेंटर की तरफ भेज दिया गया। इस तरह चक्कर लगाने में करीब आधे से पौन घंटा गुजर गया।
कोई चिकित्सक या कार्मिक लोडिंग टैक्सी के पीछे धूप में लेटी बीमार महिला को देखने तक नहीं आया। आखिर महिला का लोडिंग टैक्सी में ही दम टूट गया। महिला के परिजनों ने बताया कि महिला को सांस लेने में कोई परेशान नहीं थी। अस्पताल लाने तक उनकी सांसें चल रही थी। वह बात भी कर रही थी। इसके बावजूद ट्रोमा सेंटर में उनको भर्ती करने में आनाकानी की गई। जब तक महिला को भर्ती करने के लिए अन्दर ले जाते तब तक उनकी मौत हो गई।