महिलाओं ने सोमवार को जिला कलक्टर अंशदीप को ज्ञापन सौंपकर बताया कि कोरोना के कारण उनका काम बंद हो गया है। इस कारण आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है। घर का खर्च भी मुश्किल से चल रहा हैं। ऐसे में बैंककर्मी लोन की किस्तों को लेकर रोजाना बार-बार घर आते हैं और अपशब्दों का उपयोग करते हैं। वे घर के गहने व घर का सामान बेचकर भी किस्त भरने का कहते हैं।
जबकि कोरोना काल से पहले वे समय पर किस्त अदा कर रही थी। महिलाओं ने किस्त राशि में कोरोना काल के बाद कार्य शुरू होने तक किस्त राशि से राहत दिलाने का आग्रह किया। इस मौके मधु, ईशा, सुमन, गीता, रानी, कीर्ति, शांति देवी आदि मौजूद थी।