ये रहते हैं हर समय तैयार
ऐसे कई संगठन हैं, जो रक्तदान को तत्पर रहते हैं। इनमें केजीएन सेवा समिति, तेरापंथी समाज पाली, मुस्लिम यूथ सोसायटी, राजपूत युवा संगठन, एसएनवाइएम, बजरंग दल पाली, रॉयल सेवा समिति पाली, केसरिया जनसेवा समिति, सीरवी समाज विकास संस्थान नाडोल, एचडीएफसी बैंक पाली, रेडक्रॉस सोसायटी पाली, पाली जिला सेवादल, सीरवी समाज पाली, संत निरंकारी संस्था, यूथ वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन, माहेश्वरी मंडल, आरसीआइ पाली, छीपा जमात कमेटी, मालवीय लौहार समाज, जेसीआई, एमआर यूनियन, राष्ट्रीय मुस्लिम महासभा, संत शिरोमणी नवल सरगरा समाज, विश्वकर्मा मंदिर सेवा समिति जवाली, प्रजापत समाज, रॉयल सेवा समिति, हमारी उड़ान आदि प्रमुख है।
ऐसे कई संगठन हैं, जो रक्तदान को तत्पर रहते हैं। इनमें केजीएन सेवा समिति, तेरापंथी समाज पाली, मुस्लिम यूथ सोसायटी, राजपूत युवा संगठन, एसएनवाइएम, बजरंग दल पाली, रॉयल सेवा समिति पाली, केसरिया जनसेवा समिति, सीरवी समाज विकास संस्थान नाडोल, एचडीएफसी बैंक पाली, रेडक्रॉस सोसायटी पाली, पाली जिला सेवादल, सीरवी समाज पाली, संत निरंकारी संस्था, यूथ वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन, माहेश्वरी मंडल, आरसीआइ पाली, छीपा जमात कमेटी, मालवीय लौहार समाज, जेसीआई, एमआर यूनियन, राष्ट्रीय मुस्लिम महासभा, संत शिरोमणी नवल सरगरा समाज, विश्वकर्मा मंदिर सेवा समिति जवाली, प्रजापत समाज, रॉयल सेवा समिति, हमारी उड़ान आदि प्रमुख है।
रक्तदान से कोई नुकसान नहीं
रक्तदान को लेकर समाज में कई भ्रांतियां है, लेकिन इससे बचना चाहिए। शरीर में रक्त बनने की प्रक्रिया नियमित है और रक्तदान से कोई नुकसान नहीं होता। चिकित्सा विज्ञान कहता है कि स्वस्थ व्यक्ति जिसका वजन 45 किलो से अधिक है और जिसे एचआइवी, हेपेटाइटिस-बी या हेपेटाइटिस-सी जैसी बीमारी नहीं है वह रक्तदान कर सकता है। एक बार में जो 350 मिलीग्राम रक्त दिया जाता है। उसकी पूर्ति शरीर में 24 घंटे के अंदर हो जाती है और गुणवत्ता की पूर्ति 21 दिनों के भीतर हो जाती है। – डॉ. के.सी. अग्रवाल, प्रिंसिपल, बांगड़ मेडिकल कॉलेज
रक्तदान को लेकर समाज में कई भ्रांतियां है, लेकिन इससे बचना चाहिए। शरीर में रक्त बनने की प्रक्रिया नियमित है और रक्तदान से कोई नुकसान नहीं होता। चिकित्सा विज्ञान कहता है कि स्वस्थ व्यक्ति जिसका वजन 45 किलो से अधिक है और जिसे एचआइवी, हेपेटाइटिस-बी या हेपेटाइटिस-सी जैसी बीमारी नहीं है वह रक्तदान कर सकता है। एक बार में जो 350 मिलीग्राम रक्त दिया जाता है। उसकी पूर्ति शरीर में 24 घंटे के अंदर हो जाती है और गुणवत्ता की पूर्ति 21 दिनों के भीतर हो जाती है। – डॉ. के.सी. अग्रवाल, प्रिंसिपल, बांगड़ मेडिकल कॉलेज