यह है प्रदेश की स्थिति
1. लगभग ढाई करोड़ लोग किसी ना किसी रूप में तम्बाकू का सेवन करते हैं। 2. पन्द्रह से अठारह वर्ष की आयु के नाबालिकों में लगभग 30 प्रतिशत तम्बाकू सेवन करते है। 3. प्रतिवर्ष लगभग एक लाख लोग तम्बाकू के कारण मौत का शिकार होते है।
पाली जिले की स्थिति
1. लगभग चार लाख से अधिक़ लोग किसी ना किसी रूप में तम्बाकू का सेवन करते है। 2. पन्द्रह से अठारह वर्ष की आयु के नाबालिकों में करीब 35 प्रतिशत करते है सेवन। 3. प्रतिवर्ष लगभग तीन हजार लोगों की हो जाती है मौत। 4. जिले में लगभग 2 करोड़ रुपए प्रतिदिन तम्बाकू उत्पादों पर होते है खर्च। प्रति वर्ष लगभग 708 करोड़ रुपए की तम्बाकू का कर लेते है सेवन।
पाली में गत वित्तीय वर्ष 2023-2024 के दौरान
1. जिले में 1788 पुरुष व 489 महिलाओं की तम्बाकू मुक्ति एवं परामर्श केन्द्र पर काउंसलिंग व जांच कर निकोटिन रिप्लेसमैन्ट थैरेपी उपलब्ध करवाई। 2. जिले में 142 लोगों को तम्बाकूछुड़वाई गई। 3. वर्ष 2019 से 2023 तक 387 लोगों को तम्बाकूछुड़वाई गई। 4. सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने पर 5206 लोगों के चालान कर उनसे 1 लाख 63 हजार 610 का जुर्माना वसूला गया।
2. नाबालिकों को तम्बाकू उत्पाद बेचने पर 648 दुकानदारों के चालान कर 41 हजार 735 रुपए जुर्माना वसूला। 3. शिक्षण संस्थानों के 100 गज के दायरे में विक्रय पर 199 दुकानदारों से 10 हजार रुपए जुर्माना वसूला।
टॉपिक एक्सपर्ट
तंबाकू धीमा जहर है। गुटखा, जर्दा चबाने से गाल एवं चैपड का कैंसर हो सकता है। बीड़ी एवं सिगरेट के सेवन से गले व फेफड़ों का कैंसर होता है। तम्बाकूछोड़ने के लिए दृढ़ संकल्प व आत्मविश्वास की जरूरत है। उन चीजों से बचने का प्रयास करना चाहिए जो तंबाकू के सेवन के लिए प्रेरित करती हैं। तंबाकू क्यों छोड़ना चाहते हैं, इसकी मुख्य पांच वजहों को लिखे। इसके बाद उनका पालन करें। –डॉ. गौरव कटारिया, विभागाध्यक्ष, इएनटी विभाग, मेडिकल कॉलेज पाली
इनका कहना है…
मैं स्वयं तम्बाकू के कारण कैंसर का शिकार हो गया था। मैंने उसे छोड़ने के साथ लोगों को इसके लिए प्रेरित किया। इस जहर को त्यागने में थोड़ी परेशानी आ सकती है, लेकिन यह नामुकिन नहीं है। –केसी सैनी, प्रधानाचार्य, एनएनएम प्रशिक्षण केन्द्र, पाली
लोगों को करते हैं जागरूक
हमारी ओर से लोगों को लगातार तम्बाकू मुक्ति के लिए जागरूक किया जाता है। अस्पताल में भी तम्बाकू मुक्ति का केन्द्र चलता है। कोटपा के तहत भी कार्रवाई की जाती है। डॉ. –विकास मारवाल, सीएमएचओ, पाली