मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने 4 जुलाई 2015 को बावल रैली के दौरान केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की मांग पर यह घोषणा की थी। जनस्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ.बनवारीलाल ने तब दक्षिण हरियाणा के 11 विधायकों की ओर से सीएम को ज्ञापन सौंपा था। वर्तमान में दक्षिण हरियाणाा में एम्स बड़ा मुद्दा बना हुआ है। मुख्यमंत्री की घोषणा क्रियान्वित न होने पर ग्रामीण 2 अक्टूबर 2018 से मनेठी में धरने पर बैठे हैं। जिनका कई राजनीतिक दलों द्वारा समर्थन किया जा चुका है। दक्षिण हरियाणा के विधायक भी ग्रामीणों की मांग का समर्थन करते रहे हैं। इसके माध्यम से हरियाणा को स्वतंत्र एम्स दिए जाने का तर्क दिया जा रहा है।
शुक्रवार को केंद्र स्तर पर पहली बार इस बारे में विधिवत घोषणा हुई है। इससे मुख्यमंत्री मनोहरलाल ही नहीं बल्कि केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को भी राहत मिलेगी। वित्त मंत्री ने बजट भाषण के दौरान जैसे ही एम्स की स्थापना का ऐलान किया तो केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत ने सबसे पहले इस मुद्दे को लपकते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनौपचारिक मुलाकात करके बधाई भी दी।