गौारलब है कि शासन की ओर से वर्ष 2017 में एक आदेश जारी किया गया था, जिसमें मस्टर में सेवाएं देने वाले कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने के लिए कहा गया था। राज्य शासन के इस आदेश के बाद सफाई और पानी की सप्लाई में लगे ११ मस्टर कर्मचारियों को हटाने के बजाए पीआईसी में प्रस्ताव पास कराकर उनसे काम लेते रहे। पीआईसी की अनुमति के मुताविक अक्टूबर २2019 में समय अवधि समाप्त हो गई थी । सीएमओ द्वारा पीआईसी से मौखिक आग्रह करने के बाद भी अगली समय अवधि नहीं बढ़ाए जाने से सएमओ ने इनकी सेवाएं समाप्त कर दी थीं।
महीनों से आश्वासन के भरोसे लटके रहे
कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें कहा जाता रहा , पीआईसी की अगामी बैठक में प्रस्ताव पास कर उन्हें फिर से सेवा में ले लिया जाएगा, लेकिन आगामी २३ जनवरी को यहां की नगर परिषद का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। इससे अब सफाई कर्मियों को अपने भविष्य की चिंताएं सताने लगी हैं। इसी को लेकर वे सफाई कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों के मौजूदगी में दिनभर कार्यालय परसिर में हंगामा करते रहे। अध्यक्ष और सीएमओ के खिलाफ नारेबाजारी करते हुए धोखा देने के आरोप लगाए और सेवा बहाली की मांग की।
सफाई और पेयजल व्यवस्था प्रभावित
११ कर्मचारियों के हटाए जाने से नगर की सफाई और पेयजल आपूर्ति व्यवस्था प्रभावित है। त्योहार पर भी जगह-जगह कचरे के डेर लगे हुए हैं। इससे नगर के लोगों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। इसको लेकर नगर के लोगों में भी नगर परिषद के खिलाफ खासा असंतोष है। लोगों ने नगर परिषद से समस्या का समाधान शीघ्र करने की मांग की है।
राज्य शासन द्वारा मस्टर के कर्मचारियों को निकालने का आदेश आया था। नगर परिषद की पीआईसी द्वारा कर्मचारियों को अक्टूबर 2019 तक सेवाएं लेने प्रस्ताव था। अक्टूबर के बाद पीआईसी द्वारा कोई प्रस्ताव नहीं डाला गया। जिस कारण इन कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई।
केके तिवारी , सीएमओ अजयगढ़
मेरे सज्ञान में कर्मचारियों को निकाले जाने का मामला सामने आया है। जिनका शीघ्र पीआईसी की बैठक कर प्रस्ताव डालकर निराकरण किया जाएगा।
संदीप विश्कर्मा , अध्यक्ष नगर परिषद अजयगढ़