script36 घंटे से तेंदुए का खौफ, घरों में कैद पगरवासी | 36 hours of leopard fever, inmates in homes | Patrika News
पन्ना

36 घंटे से तेंदुए का खौफ, घरों में कैद पगरवासी

36 घंटे से तेंदुए का खौफ, घरों में कैद पगरवासी

पन्नाJun 22, 2019 / 01:29 am

Bajrangi rathore

 36 hours of leopard fever, inmates in homes

36 hours of leopard fever, inmates in homes

पन्ना। मप्र के पन्ना जिले के पन्ना टाइगर रिजर्व से लगे अमानगंज बफर जोन के पगरा बीट के लोग दो दिन से तेंदुए के दहशत के साए में जी रहे हैं। पगरा गांव के लोगों को एक दिन पूर्व गुरुवार सुबह गांव में तेंदुए के होने की जानकारी उस समय लगी जब उसने ग्रामीण रतन सिंह पर हमला कर दिया।
तेंदुए को ट्रैंकुलाइज करने के लिए दोपहर में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। इस दौरान उसने दो वन कर्मियों और वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव गुप्ता पर भी हमला कर दिया। वनविभाग की और पीटीआर की रेस्क्यू टीम सुबह ग्रामीणों से यह कहकर गांव से लौट आई थी कि तेंदुआ रात में जंगल भाग गया है अब वह यहां नहीं है।
रेस्क्यू टीम के कुछ ही घंटों बाद गांव के ही एक दूसरे खेत में तेंदुए को देखे जाने के बाद फिर हड़कंप मच गया। लोगों ने आनन-फानन में फिर रेस्क्यू और वन विभाग टीम को तेंदुए के गांव में होने की जानकारी दी।
रात में चला सर्च ऑपरेशन

वन विभाग और पीटीआर के रेस्क्यू टीम ने रात में सर्च ऑपरेशन चलाने के साथ ही तेंदुए को घेरकर रखा था, ताकि वह रात के अंधेरे में जंगल की ओर भाग जाए। सुबह काफी देर तब जब तेंदुए की कोई आहट नहीं मिली तो रेस्क्यू टीम ने सोचा कि तेंदुआ रात के अंधेरे में जंगल की ओर चला गया होगा।
इससे वन विभाग और रेस्क्यू टीम ने ग्रामीणों को समझाया कि अब गांव में तेंदुआ नहीं है। ग्रामीणों को समझाइश देने के बाद वन विभाग और पीटीआर की रेस्क्यू टीम ने वहां से रवानगी ले ली।
11 बजे फिर दूसरे खेत में दिखा

वन विभाग और पीटीआर के रेस्क्यू टीम के गांव से जाने के बाद लोगों ने राहत की संास ली ही थी कि कुछ घंटे बाद गंाव के निदान सिंह यादव ने तेंदुए को दूसरे खेत में देखा तो लोगों को जानकारी दी। इससे ग्रामीण फिर डरे-सहमे अपने-अपने घरों में दुबक गए।
मामले की जानकारी वन विभाग और पीटीआर के रेस्क्यू टीम को दी गई। जानकारी लगने के कुछ ही समय बाद रेस्क्यू टीम फिर पगरा पहुंच गई और दोबारा सर्च ऑपरेशन चलाया। दूसरे दिन गांव सहित आसपास के करीब आधा दर्जन गांवों के लोग तेंदुए के दहशत के साए में रहे।
लाठी-डंडा लेकर निकलने की हिदायत

लोगों को लाठी, डंडे और कुल्हाड़ी आदि लेकर घर से बाहर निकलने की हिदायत दी गई है। बच्चों को गांव की सड़कों पर अकेले नहीं छोडऩे और मवेशियां को जंगल की ओर नहीं भेजने के लिए कहा गया है। साथ ही आसपास के गांव के लोगों को लकड़ी लेेने के लिए जंगल नहीं जाने की सलाह भी दी गई है।
जो परिवार यादव नाला के आसपास रहते हैं वे तेंदुए की दहशत के कारण घरों से नहीं निकल पा रहे हैं। तेंदुए के हमले से घायल रतन यादव अभी भी डरा-सहमा हुआ है।

पटाखे फोड़कर भगाते रहे तेंदुआ
तेंदुआ के वापस गांव लौटने की जानकारी लगने के बाद ग्रामीणों ने उसे करीब डेढ़ बजे तक देखा है। इसके बाद वन विभाग और टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम ने उसे गांव से भगाने के लिए पटाखे फोड़े। बताया गया कि दोपहर के बाद वन विभाग और गांव के लोगों को तेंदुआ नहीं दिखा है।
इससे एक बार फिर अनुमान लगाया जा रहा है कि वह जंगल की ओर भाग गया होगा। हालांकि अब उसे जंगल की ओर भागने की थ्योरी पर ग्रामीणों को जल्द विश्वास नहीं हो पा रहा है। इससे वन विभाग के लोगों के कहने के बाद भी ग्रामीणों में तेंंदुए की दहशत साफ देखी जा रही है।

Home / Panna / 36 घंटे से तेंदुए का खौफ, घरों में कैद पगरवासी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो