शाम करीब ४ बजे से शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन अंधेरा होने तक चलता रहा। अंधेरा अधिक होने के कारण रात को रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया था। सुबह होते ही सूरज की किरणों के साथ ही रेस्क्यू टीम ने ऑपरेशन फिर शुरू कर दिया। यह ऑपरेशन दूसरे दिन गुरुवार को भी पूरा दिन चलात रहा, लेकिन लेकिन लापता बच्चे का कोई सुराग नहीं मिल पाया।
दूसरे दिन शाम को भी टीम लापता बच्चे की तलाश में लगी हुई है। टीम में लगे लोगों का कहना है कि जैसे जैसे बच्चे के लापता होने का समय बढ़ता जा रहा है उसी तरह से बच्चे के सुरक्षित मिलने की संभावना कम होती जा रही है। दूसरे दिन का रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म होने तक की स्थिति में बच्चे का कोई सुराग नहीं लग सका था। उसकी तलाश में रेस्क्यू टीम के साथ ही पूरे गांव के हर आयु वर्ग के लोग लगे हुए हैं।
बच्चे के नाले में बहने के बाद से गांव में कोहराम मचा हुआ है। बच्चे के परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है। हालात यह है कि बच्चे के लापता होने के बाद से गांव के कई घरों में चूल्हा तक नहीं जला है। नाला और उसके कई किमी के क्षेत्र में रेस्क्यू टीम और गांव के लोग बच्चे केा चप्पे-चप्पे पर तलाश कर रहे हैं। टीम के लोगों का समय नहीं आ रहा है।
नाले में कई किमी. दूर और झाडिय़ों सहित आसपास के सभी जगहों पर तलाश करने के बाद भी बच्चे का पता क्यों नहीं चल पा रहा है। कोतवाली पुलिस के अनुसार लापता बच्चे की हर संभावित जगह पर तलाश की जा रही है। नाले के पानी का बहाव तेज होने के कारण संभव है कि बच्चा काफी दूर तक निकल गया हो। अभी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रखा जाएगा।