जिला प्रशासन की जानकारी के अनुसार, जिला प्रशासन की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक टीम और समस्त नगरीय क्षेत्र में प्रत्येक वार्ड में टीम गठित की है। यह टीम जिले के घर-घर जाकर सर्दी, खांसी, बुखार या सांस लेने में तकलीफ वाले लक्षणों वाले मरीजों की जानकारी कलेक्ट कर रही है। जिलेभर में कुल 450 टीमें प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की बनाई गई हैं। यह टीमें पूरे जिले में काम कर रही हैं। इनके साथ ही पृथक से 30 डॉक्टरों की 30 टीमें भ्रमण कर रही हैं।
स्वास्थ्य विभाग की यह टीम पलायन करके गांव आने वाले लोगों के घरांें में पहुंचकर उनके सेहत की जांच करने के साथ ही पूरे परिवार के सेहत की जांच कर रही है। शुक्रवार की शाम तक करीब ७ हजार लोगों के स्क्रीनिंग का काम पूरा कर लिया गया था। साथ ही थोड़ी भी लक्षण दिखाई देने पर उन्हें होम क्वांटनाइज होने की सलाह दी जा रही है।
स्क्रीनिंग में लगी टीमों के पास कम से कम एक थर्मल स्कैनर अनिवार्य रूप से होना चाहिए। उनके पास खुद की सुरक्षा के लिए भी पर्याप्त उपकरण होने चाहिए, लेकिन देखने में आया है कि जांच टीमों के पास खुद की सुरक्षा के लिए साधरण मास्क ही हैं। जबकि ये किसी को साधारण धूल और अन्य संक्रमण से तो बचा सकते हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के लिहाज से सभी एम ९५ मास्क दिए जाने चाहिए। जिससे वे खुद की सुरक्षा करते हुए बीमार लोगों की सुरक्षा कर सकें। सबसे अधिक परेशानी मैदानी अमले को ही है। उन्हें बेचारों को साधारण मास्कों के सहारे खुदा जोखिम लेकर काम करना पड़ रहा है।