इसी के तहत शनिवार सुबह नगर पालिका की टीम बस स्टैंड अतिक्रमण हटाने पहुंची। यहां करीब आधा सैकड़ा अतिक्रमण चिह्नित हैं। अतिक्रमण हटाने को लेकर पूर्व से विशेष तैयारियां नहीं होने के चलते करीब दो घंटे की कार्रवाई के दौरान नगर पालिका की टीम दुकानों में टीन शेड के बाहर लगी पन्नियों को हो हटवा पाई।
दुकानदारों को 24 घंटे के अंदर अतिक्रमण हटाने का अल्टीमेटम दिया गया है। इसके साथ ही कहा गया कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई रविवार को भी की जाएगी। गौरतलब है कि नगर पलिका इस साल स्वच्छता सर्वे के तहत थ्री स्टार रेटिंग के लिए क्लेम कर रहा है। इसके तहत नगर में विशेष साफ-सफाई कराई जा रही है।
इसके साथ ही लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरुक भी किया जा रहा है। बताया गया कि स्वच्छता अभियान के तहत नगर पालिका की टीम शनिवार सुबह प्राणनाथ बस स्टैंड में अतिक्रमण हटाने व नालियों की विशेष सफाई के लिए पहुंची थी।
नालियों में आधी दुकानें और पूरे टीनशेड बस स्टैंड में आधा सैकड़ा स्थानीय व अस्थायी अतिक्रमण चिह्नित हैं। इनमें से पाया गया कि दुकानदारों नपे नालियों में फर्शी पत्थर रखकर आधी दुकानें नाली में लगा ली हैं। साथ ही दुकानों के बाहर टीनशेड भी बनवा लिया गया है। ये टीनशेड नालियों के बाहर हैं।
अतिक्रमण के कारण ही बस स्टैंड 5 एकड़ की बजाए सिकुड़कर आधा रह गया है। दुकानदारों की मनमानी के कारण बस स्टैंड में बसों को खड़ा करने के लिए भी पर्याप्त जगह नहीं होती है। इससे यात्रियों को भी खासी परेशानी उठानी पड़ती है।
पूर्व में कई बार हटाया अतिक्रमण नगर पालिका परिषद और जिला प्रशासन की ओर से पूर्व में भी कई बार बस स्टैंड की नालियों पर किए गए अतिक्रमण हटाने का प्रयास किया गया, लेकिन कुछ दिन बाद दुकानदारों द्वारा फिर अतिक्रमण कर लिया जाता है। अतिक्रमण हटाने के बाद हर बार ऐसी ही स्थिति बनती है।
अतिक्रमण करने वाले लोगों के खुद प्रभावशाली होने और राजनीतिक संरक्षण होने के चलते कार्रवाई का असर ज्यादा दिन नहीं रह पाता है। जिम्मेदारों द्वारा इस प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है कि नालियों पर अतिक्रमण नहीं किया जा सके। यहां असरदार लोगों द्वारा अतिक्रमण करके गरीबों को किराए पर दुकान चलवाने का मामला भी सामने आया है। जिनसे अतिक्रमित स्थल पर दुकान चलाने के नाम पर मोटा किराया वसूला जाता है।
हाल यह है कि बस स्टैंड की सड़क पर ही लोगों ने लोहे के जाल लगाकर दुकानें बना ली हैं और नगर पालिका का अमला इतने दिनों से देखता रहा। पहले खुद ही नपा से जुड़े स्थानीय लोगों द्वारा सह देकर अतिक्रमण कराया जाता है फिर बाद में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाती है।