लिहाजा, वह मां के साथ मामा के यहां रहने लगा। परिजनों ने वहीं की एक निजी स्कूल में एडमिशन करा दिया। आठवीं तक की पढ़ाई भी कर ली, लेकिन इस बीच मां की दूसरी शादी हो गई। मुुकेश भी मां के साथ नए घर पहुंच गया, लेकिन समग्र आइडी के अभाव में उसका एडमिशन अटक गया। समग्री आइडी व स्कूल में एडमिशन के लिए पिछले सात महीने से 14 वर्षीय मुकेश कभी नगर पालिक तो कभी जिला शिक्षा कार्यालय के चक्कर लगा रहा था, कहीं सुनवाई नहीं हुई। लिहाजा उसने शिकायती आवेदन के साथ कलेक्टर को ट्वीट कर मदद की गुहार लगाई।
ट्विटर पर मुकेश की फरियाद पढ़कर देशभर से लोग सहानुभूति जताते हुए उसकी मदद को आगे आने लगे। इस बीच कलेक्टर संजय कुमार मिश्र ने एक तस्वीर शेयर करते हुए बताया कि समस्या निराकृत कर दी। उन्होंने लिखा कि प्रिय मुकेश का एडमिशन आरटीई के तहत किया गया है। पढ़ाई में हर संभव मदद की जाएगी। पन्ना कलेक्टर की इस तत्परता को भी काफी सराहना मिली, लेकिन इतने भर से मुकेश की परेशानियां कम होती नजर नहीं आ रहीं।
आवेदन देकर चले गए
कलेक्टर के ट्वीट के बाद पत्रिका टीम ने मुकेश के परिवार से संपर्क किया तो पता चला कि वह पिछले सात माह से परेशान है। बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर कुछ अधिकारी आए थे, जो एक आवेदन देकर बोले-अभी आचार संहिता चल रही है। आवेदन भरकर स्कूल में जमा करो। एडमिशन में कोई परेशानी हो तो कॉल करना।
एक बात यह भी कि कलेक्टर के हस्तक्षेप पर मुकेश को एडमिशन मिल भी जाएगा, तब भी परिवार की मुसीबतें दूर होती नहीं दिख रहीं। क्योंकि, मुकेश के पिता मजदूरी करते हैं, जिससे इतनी इनकम नहीं हो पाती कि वह संयुक्त परिवार के भरण पोषण के साथ बच्चों को अच्छी शिक्षा दे सकें। समग्र आइडी के अभाव में योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पाता। मुकेश ने इसके लिए भी आवेदन में गुहार लगाई थी।
फिलहाल, एडमिशन करा दिया है। एक दो दिन में समग्री आइडी भी ट्रांसफर हो जाएगी। इसके बाद पात्रता अनुसार, योजनाओं का लाभ भी मिलने लगेगा। मुकेश के परिवार की हर संभव मदद की जाएगी।
-संजय कुमार मिश्र, कलेक्टर पन्ना