प्रबंधन द्वारा कॉलेज की भूमि का सीमांकन कराने लंबे समय से लगातार आवेदन दिए जा रहे हैं, इसके बाद भी सीमांकन नहीं कराया जा सका है। कुछ दिन पूर्व एक छात्रा से छेड़छाड़ का भी मामला सामने आया था, पर छात्रा ने मामले की रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई थी।
गौरतलब है कि देवेंद्रनगर सतना-पन्ना राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक ३९ पर बसा है। यह जिले का महत्वपूर्ण स्थान है। यहां की बेशकीमती जमीनों पर असरदार लोगों की नजर है। कॉलेज के पुराने भवन की बेशकीमती जमीन पर कई स्थानीय असरदारों ने कब्जा किया है। इस जमीन को अभी तक अतिक्रमण मुक्त नहीं कराया जा सका है। प्रबंधन की ओर से जमीन के उस हिस्से को खेल मैदान के रूप में विकसित कर दिया गया है।
सीमांकन के लिए कई बार लिखा पत्र कॉलेज में बाउंड्रीवॉल नहीं बनने के पीछे सबसे बड़ा रोड़ा अतिक्रमणकारी हैं। अतिक्रमणकर्ता कॉलेज की जमीन पर खेती कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में बाउंड्रीवॉल का निर्माण नहीं हो पा रहा है।
बताया जाता है कि प्रबंधन की ओर से जमीन का सीमांकन कराने कई बार तहसील कार्यालय में आवेदन दिया गया, इसके बाद भी सीमांकन नहीं किया जा रहा है। प्रबंधन की ओर से कलेक्टर को भी पत्र लिखा गया है, लेकिन जमीन का सीमांकन नहीं हो पाया है।
असामाजिक तत्वों का जमावड़ा बताया गया कि कॉलेज के नवीन भवन का निर्माण कार्य कई साल से कछुआ गति से चल रहा है। भवन निर्माण में लेटलतीफी के साथ ही पीडब्ल्यूडी और ठेकेदार ने मिलकर गुणवत्ताहीन काम किया है।
यह काम अभी भी अधूरा है। कॉलेज परिसर में बाउंड्रीवाल नहीं होने से कभी भी असामाजिक तत्वा आ जाते हैं और छात्र-छात्राओं को परेशान करने लगते हैं। दो-तीन दिन पूर्व एक छात्रा के साथ मारपीट का मामला भी सामले आया था। प्रबंधन द्वारा इस संबंध में कई बार जानकारी प्रशासनिक अमले को दी गई है, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई है।
कई कॉलेजों की जमीन पर अतिक्रमण शासकीय स्कूलों और कॉलेजों की बेशकीमती जमीनों पर अतिक्रमण करना असरदार लोगों की फितरत में शामिल हो गया है। वे इन जमीनों पर अतिक्रमण करके छात्र-छात्राओं के लिए बड़ी समस्या बन जाते हैं। संस्था प्रबंधकों का भी निजी स्वार्थ नहीं होने के कारण वे कभी इन्हें अतिक्रमण मुक्त कराने की दिशा में व्यक्तिगत रुचि नहीं लेते हैं।
इसी का परिणाम है कि जिले के अधिकांश शासकीय स्कूलों और कॉलजों की जमीनों पर असरदार लोगों ने कब्जा कर रखा है। प्राचार्य प्रो. अमिताभ पांडेय के अनुसार कॉलेज की जमीन के सीमांकन के लिए नवंबर में आवेदन दिया था। अभी तक सीमांकन नहीं कराया गया है।
सीमांकन नहीं कराने कोई कारण भी नहीं बताया जाता है। तहसीलदार उमेश तिवारी का कहना है कि सीमांकन को ऑनलाइन आवेदन मिला है। नियमानुसार तीन माह के अंदर सीमांकन करा दिया जाएगा। यह कार्य मेरी प्राथमिकता में है। मार्च तक कॉलेज की जमीन का सीमांकन हो जाएगा।