दर्शन करने के बाद दोनों रोड पर खड़ी थीं तभी आरोपी महेन्द्र कोंदर और साथी बजारी लाल कोंदर निवासी राजापुर आए। इस दौरान आरोपी महेन्द्र ने पीडि़ता का हाथ पकड़कर जबरन जंगल तरफ ले जाने लगा। इस पर पीडि़ता और बहन चिल्लाई। इसके बाद भी आरोपी पीडि़ता को झाडिय़ों की तरफ ले जाकर अश्लील हरकत करने लगा।
इस दौरान पीडि़ता के परिवार वाले आ गए, जिनकी आवाज सुनकर दोनों आरोपी भाग गए। पीडि़ता की लिखित शिकायत के आधार पर थाना अजयगढ़ में मामले में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। पीडि़ता के कथन धारा 164 दंड प्रक्रिया संहिता के अन्तर्गत न्यायालय के समक्ष कराए गए।
विवेचना के बाद अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में दोनों पक्षों को सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश अमिताभ मिश्रा ने आरोपी बजारी कोंदर पिता भगौना कोंदर को दोषमुक्त कर दिया, जबकि महेन्द्र कोंदर पिता बलवान कोंदर को धारा 354 आइपीसी व धारा 8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम में 4 वर्ष के सश्रम कारावास और 2000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदण्ड की राशि पीडि़ता को देने आदेशित किया गया। शासन की ओर से जिला लोक अभियोजन अधिकारी प्रवीण कुमार सिंह ने पैरवी की।