घटना के दूसरे दिन युवक के साथ आरोपी भगवानदास पिता रामदयाल कोरी दीपेंद्र के दुकान पहुंचा और गाली-गलौज कर मारपीट करने लगा। बीच-बचाव करने आई मां से भी मारपीट की गई। मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने बीच-बचाव किया। आरोपी दोबारा मिलने पर मां-बेटे को जान से मारने की धमकी दे रहे थे।
पीडि़त की रिपोर्ट पर अजयगढ़ थाने में आरोपियों के खिलाफ मारपीट की विभन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया था। विवेचना के बाद चालान कोर्ट में पेश किया गया। युवक (नाबालिग) के लिखाफ अलग से आरोप पत्र किशोर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी अजयगढ़ अरविंद कुमार बराल ने अभियुक्त भगवानदास को धारा 325 आइपीसी में 1 वर्ष का सश्रम कारावास और 500 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर 1 माह का अतिरिक्क्त सश्रम कारावास की सजा होगी।
धारा 323 आइपीसी में 3 माह का सश्रम कारावास एवं 500 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड नहीं जमा करने पर 15 दिवस का अतिरिक्त सश्रम कारावास से दंडित किया जाएगा। प्रकरण में सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी उमेश सोनी ने पैरवी की।