हीरा विभाग की ओर से उसे मार्च में हीरा खदान लगाने पट्टा जारी किया गया था। लखनलाल अन्य मजदूरों के साथ मजदूरी भी करता था। बीते दिनों जिले में हुई तेज बारिश के बाद खदान में चाल की धुलाई के बाद हीरे की बिनाई का काम चल रहा था। शनिवार सुबह हीरे की बिनाई के दौरान लखनलाल को एक चमकदार पत्थर दिखा तो उसकी आखें चमक उठीं। वह चमकदार पत्थर हीरा ही था। जिसकी तौल करने पर वजन 3.16 कैरेट निकला।
लखन ने बताया एक दिन पहले ही साढ़े 12 कैरेट का हीरा मिलने से उसे भी उम्मीद थी कि उसे भी बड़ा हीरा मिल सकता है। यह हीरा उतना बड़ा तो नहीं है, लेकिन परिवार की किस्मत बदलने के लिए काफी है। लखन ने बताया कि उसने हीरा खदान के चक्कर में काफी कर्ज ले रखा था। हीरे के बिकने के बाद मिलने वाली राशि से कर्जे चुकाकर कुछ जरूरी सामग्री खरीदेगा। खदान में अभी बहुत काम बाकी है। उसे उम्मीद है कि आगामी दिनों में उसे और भी इसी तरह के बेशकीमती हीरे मिल सकते हैं।
बता दें कि, हीरों की नगरी पन्ना की जमीन ने दो दिन पहले 50 लाख रुपए से अधिक कीमत का बेशकीमती हीरा उगला था। साढ़े 12 कैरेट से अधिक वजन का यह जैम क्वालिटी का हीरा जनकपुर निवासी मजदूर को मिला है। दो वक्त की रोटी का इंतजाम करके किसी तरह से परिवार चलाने वाले इस मजदूर की तो मानों लाटरी ही लग गई। 14 सितंबर को सुबह हीरे की बिनाई का काम शुरू करते ही उसे करीब बेर के आकार का जैन क्वालिटी का हीना मिला तो उनका पूरा परिवार खुशी से झूम उठा। मजदूर ने इस बेशकीमती हीरे को कलेक्ट्रेट में संचालित हीरा कार्यालय में जमा करा दिया गया है। आगामी महीने में हीरा कार्यालय द्वारा इस बड़े हीरे को बिक्री के लिए नीलामी में रखा जाएगा।