जरुआपुर उथली खदान में मिले हीरे
इस बार जिस मजदूर की किस्मत चमकी है उसका नाम शुबल है जिसने 6 पार्टनर के साथ जरुआपुर की एक उथली खदान ली थी इसी खदान में उसे तीन बेशकीमती हीरे मिले हैं। मजदूर शबुल को मिले हीरों का वजन करीब साढ़े सात कैरेट है और इनकी कीमत 20-30 लाख रुपए आंकी जा रही है। जो हीरे मजदूर सबल को मिaले हैं वो ज्यादा साफ नहीं हैं इसलिए उनकी कीमत थोड़ी कम है अगर ये हीरे थोड़े और साफ होते तो इनकी कीमत और ज्यादा होती। तीनों हीरों को मजदूर सबल ने अपने साथियों के साथ जाकर हीरा कार्यालय में जमा कर दिया है। हीरा कार्यालय अब इन हीरों की नीलामी करेगा और नीलामी होते ही मजदूर को पैसे दे दिए जाएंगे जिससे वो लखपति बन जाएगा। मजदूर को जो हीरे मिले हैं वो क्रमश: 4.43, 2.16 और 0.93 कैरेट के हैं।
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बीते दिनों मिला था 10.69 कैरेट का हीरा
पन्ना की रत्नगर्भा धरती इससे पहले भी कई मजदूरों की किस्मत चमका चुकी है। बीते दिनों ही यहां पर एक मजदूर को 10.69 कैरेट का बेशकीमती हीरा मिला था। 10 कैरेट 69 सेंट के उस हीरे की अनुमानित कीमत 50 लाख से भी ज्यादा थी। बता दें कि एमपी की डायमंड सिटी बुंदेलखंड के पन्ना जिले की पहचान एमपी की डायमंड सिटी के रूप में है। इसे मंदिरों की भी नगरी कहा जाता है। हीरा है सदा के लिए की तर्ज पर यहां सैकड़ों वर्षों से हीरों की खुदाई होती आ रही है। यहां की धरती में यत्र-तत्र-सर्वत्र हीरे बिखरे पड़े हैं। स्थानीय लोगों के अलावा बाहर से आकर लोग यहां हीरा खदान स्वीकृत कराते हैं और किस्मत वालों को लाखों करोड़ों के हीरे हाथ लगते हैं। कुछ लोग इन्हें शासन के हीरा कार्यालय में जमा कराते हैं तो कुछ लोग चोरी छिपे मुंबई और गुजरात के हीरा व्यापारियों को बेच देते हैं।