दोनों ही परीक्षाओं का समापन भी एक साथ 2 मार्च को होगा। अंतर सिर्फ यह है कि कक्षा-9वीं का पेपर सुबह 9 से 12 बजे तक चलेगा और कक्षा-11वीं के पेपर का समय दोपहर 1 से 4 बजे तक का रहेगा। लोकशिक्षण आयुक्त जयश्री कवायद ने कहा है कि परीक्षा के संचालन और मूल्यांकन संबधित दिशा-निर्देश बाद में जारी किए जाएंगे।
कक्षा 9वीं 12 फरवरी को सामाजिक विज्ञान। 14 को विशिष्ट भाषा, हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू। 16 को तृतीय भाषा। 20 को पेंटिंग, म्यूजिक , गणित। 23 को विज्ञान। 25 को हिन्दी। 28 फरवरी को अंग्रेजी। 2 मार्च को एनएसक्यू एफ वोकेशनल की परीक्षा होगी।
कक्षा 11वीं 12 फरवरी को विशिष्ट भाषा हिन्दी। 13 को विशिष्ट भाषा अंग्रेजी। 15 को द्वितीय भाषा सामान्य। 16 को भारतीय संगीत। 18 को इतिहास। 21 को जीव विज्ञान। 22 को बायो टेक्नोलॉजी, सुरक्षा, सूचना एवं प्रौद्योगिकी। 23 को राजनीति शास्त्र। 25 को भूगोल, रसायन शास्त्र। 26 को अर्थशास्त्र। 27 को समाजशास्त्र। 28 फरवरी को गणित एवं 2 मार्च को भाषा, संस्कृत, उर्दू की परीक्षा संपन्न होगी।
बोर्ड में बेहतर परिणाम को लेकर छात्र व टीचर्स ने स्टडी के लिए बनाया ब्लू प्रिंट एग्जाम की घड़ी अब नजदीक आती जा रही है। एमपी बोर्ड की परीक्षाएं जहां एक मार्च से शुरू हो रही हैं तो वहीं सीबीएसइ की परीक्षाएं 21 फरवरी को ही शुरू हो जाएंगी, जबकि आइसीएसइ बोर्ड की परीक्षाएं २२ फरवरी से शुरू होंगी। इसके साथ ही लोकल परीक्षाएं भी मार्च में ही शुरू हो जाएंगी।
ऐसे में स्टूडेंट्स का ध्यान सिर्फ पढ़ाई पर है। स्कूल प्रबंधन भी बच्चों की तैयारी में साथ दे रहे हैं और उनके लिए एक्स्ट्रा क्लास और रेमेडियल क्लास लगाई जा रही हैं जिससे बच्चों का रिजल्ट बेहतर बन सके। बोर्ड एग्जाम में बेहतर रिजल्ट के लिए स्टूडेंट्स और टीचर्स ने ब्लू प्रिंट तैयार किया है। जिसमें क्वेश्चन पेपर ब्लूप्रिंट के हिसाब से ही सेट किए जाते हैं।
यही वजह है कि टीचर्स भी स्टूडेंट्स को ब्लू प्रिंट के हिसाब से ही पढ़ाई करवा रहे हैं। इसके साथ ही टीचर्स बच्चों का लगातार टेस्ट ले रहे हैं। पिछले 5 सालों में आने वाले क्वेश्चन को तैयार करवा रहे हैं, ताकि स्टूडेंट्स को क्वेश्चन पेपर किस तरह का होता है, इसकी जानकारी हो पाए। टीचर्स का मानना है कि लगातार टेस्ट लेने से स्टूडेंट्स की अच्छी तैयारी हो जाती है।
रिवीजन के लिए मिलेगी छुट्टी स्कूलों में कोर्स पूरा करने पर टीचर्स फोकस कर रहे हैं। निजी स्कूलों में तो कोर्स लगभग पूरा भी हो चुका है। प्री बोर्ड के बाद ही स्कूलों में बोर्ड स्टूडेंट्स को छुट्टी दे दी जाएगी। जिससे स्टूडेंट्स घर पर रहकर रिवीजन कर सकें। इसके साथ ही अगर प्रिपरेशन में बच्चों को कोई भी दिक्कत होती है तो वह स्कूल में टीचर्स से बात कर सकते हैं।