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रानीपुर अभ्यारण्य में पन्ना के पांच बाघों का डेरा, बाघों के पदचिह्न मिले

सतना होते हुए पहुंचे उप्र की सीमा में: पांच बाघों के पदचिह्न मिले

पन्नाMar 26, 2019 / 09:24 pm

Balmukund Dwivedi

Five tigers of Panna in Ranipur Reserve

Five tigers of Panna in Ranipur Reserve

पन्ना. जिले के जंगलों से सटा उप्र का रानीपुर अभ्यारण्य इन दिनों बाघों से गुलजार है। इस क्षेत्र में आधा दर्जन बाघों का मूवमेंट बना है। सभी बाघ पन्ना टाइगर रिजर्व के हैं। अभ्यारण्य प्रबंधन ने पांच बाघों के पदचिह्न मिलने की पुष्टि भी कर दी है। बताया जा रहा कि इन दिनों पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या काफी ज्यादा हो गई है। इसके चलते टेरिटरी बनाने वाले नए बाघ पन्ना के जंगलों से बाहर निकल रहे हैं। अधिकतर का मूवमेंट सतना होते हुए रानीपुर अभ्यारण्य की ओर है। ऐसे ही पांच नए बाघ पन्ना की सीमा से निकलते हुए रानीपुर अभ्यारण की ओर पहुंच चुके हैं।
पहले भी मूवमेंट
पन्ना टाइगर रिजर्व के बाघों का ऐसा मूवमेंट पहले भी देखने को मिला है। पी-212 नामक बाघ पन्ना के जंगलों को छोड़कर सतना-रीवा के जंगल होते हुए सीधी के संजय गांधी टाइगर रिजर्व पहुंच गया था। पन्ना की एक बाघिन ने तीन साल पहले सतना के सरभंगा के जंगल में स्थाई टेरिटरी बना चुकी है। बाघिन शुरुआती दौर में रानीपुर अभ्यारण तक पहुंची थी, बाद में लौटते हुए सरभंगा में स्थाई रूप से डेरा डाल दिया। अब पांच बाघ रानीपुर अभ्यारण्य पहुंच चुके हैं।
अनुकूल है माहौल
बाघ व तेंदुए जैसे वन्य जीवों के लिए सतना के जंगल व रानीपुर अभ्यारण्य का माहौल अनुकूल हैं। यहां तेंदुआ, बंदर, भालू, लकड़बग्घा बहुतायत में पाए जाते हैं। शाकाहारी वन्य जीव सांभर व चीतल भी बड़ी संख्या में मिलते हैं। इसके चलते माना जा रहा कि पन्ना के बाघ रानीपुर में स्थाई टेरिटरी बना सकते हैं। हालांकि अभी उनका मूवमेंट जारी है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील पांडेय कहते हैं कि पदचिह्न मिले हैं। बाघों का मूवमेंट लगातार देखने को मिल रहा है।

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