पन्ना

यहां पर सफेद वस्त्र धारण कर भगवान भी करते हैं अपने पूर्वजों का तर्पण

भगवान जुगलकिशोर सरकार भी अपने पूर्वजों के लिए सफेद वस्त्र धारण कर 16 दिनों तक तर्पण करते हैं…

पन्नाSep 02, 2020 / 05:34 pm

Ashtha Awasthi

Ancestor

पन्ना। समूचे देश के हिन्दू धर्म मान्यतानुसार आज से अपने पूर्वजों को तर्पण करने के लिए पितर पक्ष शुरू हो गए है। जिसमें लोग अपने पूर्वजों की याद ,व उनके उद्धार के लिए सुबह से जलाशयों में पानी देने के लिए पहुँच रहे हैं। पन्ना में भी लोग अपने पूर्वजों की आत्मा के मोक्ष की प्राप्ति के लिए तर्पण करने पन्ना के धरम सागर तालाब में पहुँच रहे हैं।

मंदिरों की नगरी पन्ना में इंसानों के साथ साथ भगवान जुगलकिशोर सरकार भी अपने पूर्वजों के लिए सफेद वस्त्र धारण कर 16 दिनों तक तर्पण करते हैं। यह परंपरा भी सालों से चली आ रही है। हिन्दू धर्म मे अपने पितरो यानी पूर्वजों को 16 तक जलाशयों में पानी देकर वेदमंत्रों से आह्वान किया जाता है। इन 16 दिनों में लोग दान पुन्न ब्राह्मण भोजन कन्या भोजन आदि पुन्न के कार्य करते हैं ताकि उनके पूर्वजों को याद किया जा सके।

इसी के साथ गाय ,कौवा , कुत्तों सहित कीट पतंगों को भी अर्क रूपी भोजन कराया जाता है। लोग इन दिनों में कच्चा भोजन जैसे कड़ी ,बरा ,भात ,अठवाई का उपयोग करते हैं। मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में पितर पक्षो का बड़ा महत्व माना जाता है क्योंकि यहाँ इंसानों के साथ साथ भगवान श्री जुगलकिशोर सरकार भी अपने पूर्वजों को पितर पक्ष में सफेद वस्त्र धारण कर अदृश्य रूप में तर्पण करते हैं।

इन दिनों भगवान श्री जुगलकिशोर सफेद पोशाक में रहते हैं। उनके पास पूजन सामग्री रखी जाती है। इसलिए पन्ना जिले में पितर पक्ष का बड़ा महत्व माना जाता है। हिन्दू पंचाग के अनुसार भाद्र मास मे शुक्ल पक्ष की पुर्णिमा से प्रारम्भ होता है। और अश्बिन मास की अमाबस्या मतलब 15 दिन तक 16 तिथियो मे पूर्ण होता है। पृथ्वी मे 14 लोक है और 14 लोक में एक लोक पित्र लोक भी है बताते है। इन 16 दिनों में पित्र लोक पृथ्वी के सबसे अधिक निकट आ जाता है। जिससे पृथ्वी पर रहने बाले पितर चलायमान हो जाते है और धरती पर आते है जिसे पित्र पक्ष कहा जाता है।

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