गौरतलब है कि गुनौर तहसील क्षेत्र में ग्राम घाट सिमरिया और बिलघाड़ी में एक-एक कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं। इसके बाद भी यहां कोरोना प्रबंधन को लेकर गंभीरता पूर्वक काम नहीं किया जा रहा है। यहां शुरुआती दिनों में ही लापरवाहियां सामने आने लगी थीं। ग्राम बिलघाड़ी में कोरोना पॉजिटिव आने युवक को क्वारंटीन नहीं किया जाकर बड़ी लापरवाही की गई थी। यह तो अच्छा हुआ कि उनके साथ के कांट्रेक्ट हिस्ट्री में आये सभी लोगों के सेंपल की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। कांट्रेक्ट हिस्ट्री में आये लोगों के सेंपल की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद जिले के लोगों ने राहत की सांस ली।
मुख्यालय में नहीं मिले थे जनपद सीईओ
जानकारी के अनुसार बीते दिनों डीआईजी और एसपी ने कंटेनमेंट जोन का दौरा किया था, जिसमें जनपद सीईओ ओपी आस्थाना नहीं थे। इसके अलावा कलेक्टर और एसपी के क्षेत्र के भ्रमण के दौरान भी वहां महामारी के रोकथाम के लिए की गई व्यवस्थाएं सिथिल पाई गई थीं। इसके साथ ही वे बिना किसी पूर्व सूचना के मुख्यालय से गायब थे। यहां कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद भी वे अक्सर लापरवाही पूर्वक काम करते हुए नदारत रहते थे। इकसे साथ ही स्थानीय प्रशासन द्वार भी शिकायत की गई थी कि कोरोना महामारी के प्रबंधन में जनपद सीईओ आस्थाना द्वारा कोई सहयोग नहीं किया जा रहा है।
मीडिया का खुलासा भी पड़ा भारी
बताया गया कि लॉक डाउन में जब बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार बैठे हुए है तब ग्राम पंचायत सथनियां में मनरेगा के मेड बंधन का काम जेसीबीा से होने की बात सामने आई थी। इसका खुलासा मीडिया द्वारा ही किया गया था। जिसकी जांच कराने के बाद यह बात सच पाई गई कि मेड बंधान का काम जेसीबी से ही कराया गया है। इसको लेकर भी अधिकारी उनसे खफा थे। इसी कारण से कलेक्टर ने उनके निलंबन का प्रस्ताव सागर कमिश्नर अजय सिंह गंगवार को भ्ेाजा था। कलेक्टर के प्रस्ताव पर कमिश्नर द्वारा यह कार्रवाई की है। निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय जिला पंचायत कार्यालय पन्ना नियत किया गया है।