ये वाहन दिनभर जिलेभर में घूमते हैं। इसके बाद भी यातायात और परिवहन विभाग के लोगों द्वारा इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। जबकि विस चुनाव नजदीक आने के चलते हूटरों के दुरुपयोग की आशंका भी बनी हुई है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार की ओर से देशभर में वाहनों में लाल बत्ती लगाने पर पूर्व में प्रतिबंध लगा दिया गया था।
इससे जिले में लाल बत्ती लगाने की पात्रता रखने वाले अधिकरी और जनप्रतिनिधि और नेताओं ने वाहनों से लाल बत्ती तो निकाल दी थी लेकिन आम जनता पर अपना प्रभाव दिखाने के लिये उन्होंने उसकी जगह वाहनों में हूटर लगावा लिऐ। जिले में ऐसे अधिकारियों की सं या भी लंबी है जिनके वाहनों में हूटर लगा हुआ है। जन प्रतिनिधियों और नेताओं की सं या सैकड़ों में पहुंच जाएगी। इन वाहनों में सालों से प्रतिबंध के बाद भी हूटर लगे हुए हैं। जिले के जि मेदार अधिकारियों द्वारा कभी नेतओं और अधिकरियें के वहनों से हूटर हटवाने के सभवतया प्रयास ही नहीं किए गए हैं। इसी का कारण है कि नगर में तो हूटर लगे वाहनों की सं या में बढ़ सी आ गई है।
चुनाव के समय हो सकता है दुरुपयोग
जिले में बड़ी सं या में वाहनों में हूटर लगे होने के बाद भी उन्हें नहीं निकलवाया जा रहा है। इससे आगमी विधानसभा चुनाव में सत्ता पक्ष और विपक्ष से जुड़े नेता और जनप्रतिनिधि इन हूटरों का चुनाव के दौरान दुरुपयोग कर सकते हैं। साथ ही गरीब और भोलेभाले मतदाताओं को भी इससे प्रभावित करने के प्रयास किए जा सकते हैं।
काली फिल्म लगा कर घूम रहे अधिकारी
हूटर के रैब के साथ जिले के अधिकारियों में दिन व दिन काली फिल्म लगाने का चलन बढ़ रहा है। कुछ अधिकारी जिनमें पुलिस विभाग के भी शामिल है। गौरतलब है कि इस दोहरे रवैये के कारण जिले की जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।