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पति का छलका दर्द, साहब! पत्नी गुटखा खाती है और बिना बताए ही चली जाती है मायके

locationपन्नाPublished: Jan 06, 2019 02:07:14 am

Submitted by:

Bajrangi rathore

पति का छलका दर्द, साहब! पत्नी गुटखा खाती है और बिना बताए ही चली जाती है मायके

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पन्ना। जिले के अजयगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम कुंवरपुर निवासी युवक ने एसपी को आवेदन देकर पत्नी को समझाने का निवेदन किया। पत्नी के गुटखा खाने और बगैर बताए आए दिन मायके जाने के कारण परेशान था। पत्नी के इस व्यवहार के कारण परिवाट टूटने की कगार पर पहुंच गया था।
एसपी ने मामले को परिवार परामर्श केंद्र भेजा। यहां काउंसलर ने पत्नी को समझाइश दी। इस पर वह गुटखा नहीं खाने और बताकर मायके जाने पर राजी हो गई। जानकारी के अनुसार छोटेलाल अहिरवार पिता राम दयाल अहिरवार निवासी कुंअपुर थाना अजयगढ़ ने एसपी विवेक सिंह को शिकायत पत्र लिखकर दिया। जिसमें बताया, पत्नी बगैर किसी को बताए आए दिन मायके चली जाती है।
वह गुटखा भी खाती है। एसपी ने मामले को पुलिस परिवार परामर्श केंद्र प्रभारी एएसआइ नजमुन निशा के पास भेजा। जिन्होंने पति-पत्नी मधु अहिरवार निवासी महोबा उत्तरप्रदेश को समझाइश दी। काउंसलर लक्ष्मी गुप्ता, उमा यादव का सराहनीय योगदान रहा है।
चेक बांउस मामले में छह माह का कारावास और जुर्माना भी

चेक बांउस के मामले में कोर्ट ने आरोपी को छह माह की सजा और जुर्माने से दंडित किया है। अधिवक्ता अतुल कुमार खरे ने बताया, परिवादी शारदा प्रसाद गुप्ता पिता लखन लाल गुप्ता प्रोपराइटर शारदा किराना स्टोर की दुकान से बजरंग टै्रडिंग कंपनी प्रोपराइटर भानू प्रसाद द्विवेदी की ओर से 130 बोरी शक्कर 2 लाख 15 हजार रुपए की खरीदी गई थी।
अभियुक्त भानू द्विवेदी ने 15 सौ रुपए नकद भुगतान किए और शेष 2 लाख रुपए का चेक इलाहाबाद बैंक शाख का दिया जिसका नंबर 050386 है। परिवादी ने चेक को खाता क्रमांक 10930313411 स्टेट बैंक में डाला। जिसे बैंक ने पर्याप्त राशि न होने के कारण चेक वापस कर दिया।
न्यायालय में धारा 138 अधिनियम 1881 के तहत प्रकरण प्रस्तुत किया गया। जिसके संबंध में अभियुक्त को राशि जमा करने नोटिस भेजे गए, लेकिन इसके बावजूद संबंधित को राशि नहीं दी गई। न्यायालय ने अभियुक्त को दोषी मानते हुए छह माह का कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही आर्थिक दंड भी लगाया। नौ फीसदी ब्याज सहित चेक की राशि लौटाने को कहा गया। परिवादी की ओर से अभिभाषक अतुल खरे ने पैरवी की।
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