नदियों का पानी दूषित रेत के अवैध उत्खनन से नदियों की धार टूटने लगी है। नदियों में बचा पानी भी दूषित होने लगा है। जलस्तर तेजी से घट रहा है। इससे क्षेत्रवासियों को गंभीर जल संकट से जूझना पड़ रहा है। कुएं और हैण्डपंप जवाब देने लगे हैं। यदि नदियों में होने वाले अवैध उत्खनन को रोका नहीं गया तो भविष्य में गंभीर संकट उत्पन्न होगा। क्षेत्रवासियों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ेगा।
यहां बेखौफ उत्खनन वर्तमान में वीरा, मोहाना, चांदीपाठी, रामनई, बरकोला आदि घाटों पर अवैध तरीके से चोरी छिपे रेत का उत्खनन किया जा रहा है। रात के अंधेरे में यहां से सैकड़ों वाहनों में रेत का परिवहन किया जाता है। जिसे यूपी के बांदा या सतना की ओर भेजा जाता है।
,हालांकि कलेक्टर मनोज खत्री ने बीते दिनों रात में रेत लोडिंग पर पाबंदी लगाई थी, पर यह पाबंदी भी चंद दिनों ही चली सकी और चोरी छिपे रात-दिन रेत का अवैध कारोबार चल रहा है। शासन द्वारा खदानों में मशीनों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है, इसके बावजूद भी मशीनों से लोडिंग लगातार जारी है।
अजयगढ़ क्षेत्र में एक भी खदान संचालक नहीं हैं। परिवहन भी बंद है। जो रेत पन्ना आ रही है है वह उप्र की खदानों से आ रही है। मोहाना नं 1 खदान रास्ता की वजह से भी चालू नहीं है। नं 2 खदान चालू है। साथ ही क्षेत्र की बंद खदानों पर अफसरों की ड्यूटी लगी है।
आयुषी जैन, एसडीएम, अजयगढ़