जल संसद में उठी स्थानीय लोगों की मांग के बाद जिला प्रशासन द्वारा बारिश के दौरान कुडिय़ा नाला का पानी डायवर्ट करने लोकपाल सागर तालाब तक लाने के लिए नहर बनाने का काम तो शुरू करा दिया है, लेकिन आधा दशक पुरानी जल संरचना किलकिला फीडर की ओर
ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
करीब 50 साल पुरानी इस संरचना को यदि सुदृढ़ कर दिया जाए तो शहर के तीन तालाब बारिश के पानी से लबालब हो जाएंगे। साथ ही किलकिला नदी तक भी यहां का पानी पहुंचाया जा सकता है। जल संरचना की अनदेखी से यह खंडहर में तब्दील होती जा रही है।
तालाब खाली पड़े स्थानीय लोगों का कहना है कि किलकिला फीडर का निर्माण बारिश के पानी का उपयोग तालाबों को भरने के लिए पूर्व में किया जाता था। जिससे कम बारिश होने पर भी शहर के तालाब लबालब भर जाते थे और लोगों को पीने के साथ ही आसपास के किसानों को सिंचाई के लिए भी पर्याप्त पानी मिल जाता था। जगात चौकी क्षेत्र में धीरे-धीर करीब एक सैकड़ा लोगों ने नहर के ऊपर घर बना लिए। नहर को दर्जनों स्थानों पर ब्लॉक कर दिया गया। जिसका परिणाम यह हुआ कि पानी तालाबों तक नहीं पहुंच पाया और तालाब खाली पड़े रहने लगे। नगर में यह स्थिति एक दशक से भी अधिक समय से बनी है।
जल संरचना पूरी तरह से उपेक्षित इसको लेकर कई डीपीआर भी तैयार हो चुके हैं। उन्हें स्वीकृति भी मिल गई थी, लेकिन स्थानीय नेताओं के निहित स्वार्थों के चलते इसे दुरुस्त करने का काम शुरू नहीं हो पाया और
कार्य के लिए स्वीकृत राशि तक लैप्स करा दी गई। अब हाल यह है कि करीब एक 50 साल पुरानी यह जल संरचना पूरी तरह से उपेक्षित है। लाखों रुपए की लागत से बनी उक्त संरचना धीरे-धीरे कबाड़ में तब्दील हो रही है। इसकी ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
नहर को दुरुस्त कराए जाने की जरूरत
नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष बृजेंद सिंह बुंदेला ने बताया, किलकिला फीडर की नहर से लोकपाल सागर के साथ ही धरम सागर और सिंह सागर तालाब को भी भरा जा सकता है। इसे दुरुस्त कराए जाने की जरूरत है। किलकिला फीडर की नहर में जिन लोगों ने कब्जा किया हुआ है उनके अतिक्रमण को हटाकर इसे दुरुस्त किया जा सकता है। एकबार किलकिला फीडर से तालाबों के भर जाने के बाद शहर में कई सालों तक पानी की दिक्कत नहीं होगी। लोकपाल सागर से किसानों को भी सिंचाई के लिए पानी मिल जाया करेगा।
यहां कुडिय़ा नाला का पानी लाने बना रहे नहर
कुडिय़ा नाला का पानी लाने प्रशासन द्वारा भले ही किलकिला फीडर की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, परंतु कुडिय़ा नाला के पानी को तालाब तक पहुंचाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। नाले के पानी को तालाब की ओर डायवर्ट करने के लिए नाला से पहाड़ी के ढलान तक गहरी नहर बनाई जा रही है। इसके साथ ही नाले के पानी को डायवर्ट करने के लिए खुदाई से निकलने वाली मिट्टी की मोटी दीवार बनाई जा रही है। कुडिय़ा नाले में काम लगे करीब एक पखवाड़े का समय हो गया है। कलेक्टर ने बीते दिनों कुडिय़ा नाला का दौरा करके काम 10 दिन के अंदर पूरा करने के निर्देश दिए थे। हालांकि यहां दो दिन पूर्व तक एक जेसीबी और चार ट्रैक्टर ही लगे थे।