भैरेटेक घाटी जिले की सबसे खतरनाक घाटी है। यहां बीते तीन साल में दर्जनों की संख्या में हादसे हो चुके हैं। जिनमें आधा सैकड़ा से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों घायल हुए हैं। उनमें से कुछ जीवनभर के लिए अपाहिज हो गए। यातायात विभाग के अनुसार घाटी में कई डेंजर प्वाइंट हैं। जिनमें अपेक्षित सुधार नहीं होने से हादसे हो रहे हैं। उक्त मार्ग में अकसर जाम के हालात बनते हैं। घाटी क्षेत्र में हर माह दो-तीन बार जाम के हालात बनते हैं। कई बार तो यह जाम कई-कई घंटों तक बना रहता है। घाटी में कई स्थानों पर अंधे मोड़ हैं। जहां मार्ग में बड़े गड्ढे हैं और घाटी की सुरक्षा दीवार भी टूटी है। इससे इन अंधे मोड़ों में अेसर हादसे होते रहते हैं।
बताया गया कि घाटी में जहां जाम में वाहन फंसे थे, वहां लोगों के लिए पानी की सुविधा नहीं थी। जो लोग अपने साथ पानी लेकर आए थे वह भी कुछ ही घंटों में खत्म हो गया। इसके बाद लोग परेशान होकर यहां वहां भटकने लगे। सुबह करीब सात बजे जाम खुलने से यात्रियों ने राहत की सांस ली। वाहनों का लगा लंबा जाम समाप्त होने पर करीब एक घंटे लग गया। जाम में फंसे यात्री प्रशासन को कोसते नजर आए।
जिले में जिन पांच स्थानों को सर्वाधिक दुर्घटना वाले क्षेत्रों के रूप में चुना गया है उनमें घाटी में पांडव फाल के पास की पुलिया के आसपास का क्षेत्र भी शामिल है। मड़ला थाना क्षेत्र में पांडव फॉल के पहले मोड़ से छोटी पुलिया तक बीते तीन सालों मेंं छह बड़े हादसे हुए। जिनमें 22 लोग घायल हुए और 25 लोगों की मौत हुई। इसके अलावा थाना क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक बड़े हादसे हो चुके हैं।