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पन्ना

खरीद केंद्रों में नहीं थे पुख्ता इंतजाम बारिश में भीगा हजारों क्विंटल धान

कई केन्द्रों में सुबह तक भरा रहा पानी, अधिकारी बोले-नहीं होगा नुकसान

पन्नाDec 14, 2019 / 02:31 am

Sonelal kushwaha

रानीवाड़ा मंडी में किसानों को मूंगफली के उचित दाम नहीं मिलने से मजबूरन में गुजरात की मंडियों में बेचनी पड़ रही

रानीवाड़ा मंडी में किसानों को मूंगफली के उचित दाम नहीं मिलने से मजबूरन में गुजरात की मंडियों में बेचनी पड़ रही

पन्ना. 33 सहकारी समितियों में धान की खरीद समर्थन मूल्य पर चल रही है। लेकिन पुख्ता इंतजाम न होने से गुरुवार को हुई बारिश हजारों क्विंटल धान भींग गई। कई केंद्रों में तो सुबह तक पानी भरा रहा। जिम्मेदारों ने घंटों बाद भी बचाव के इंतजाम नहीं किए। कृषि उपज मंडी समिति पन्ना के खरीदी केंद्र में सुबह करीब ८ बजे अधिकांश बोरों की धान खुली हुईरखी थी। हालांकि धान के कई ढेरों को पॉलीथिन से ढांका गया था। ट्रैक्टरों में भरी धान भी ढंकी है। लेकिन उसकी बोरियां भी भींगी हैं। कर्मचारियों का कहना है कि बोरियां भले भीग गई हैं, लेकिन धान को नुकसान नहीं होगा। हवा लगने से यह सूख जाएगी। देवेंद्रनगर क्षेत्र के राजापुर खरीदी केंद्र में भी सुबह तक पानी भरा रहा। कुछ धान खरीदी केंद्रों का दोपहर में कलेक्टर ने भी निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं में सुधार के निर्देश दिए।

शाहनगर सहित बोरी और बिसानी धान उपार्जन केन्दों में रखी धान बारिश मे भीगी गई। बीती रात 2बजे से अचानक मौसम मे आये बदलाव के चलते शाहनगर सहित बोरी व बिसानी के समर्थन मूल्य पर धान खरीद केंद्रों पर खुले आसमान के नीचे पड़ी धान भींग गई। शाहनगर मे करीब 22 हजार , बोरी मे 16 हजार एवं बिसानी मे 9हजार धान किसानों की धान भीग गई है। गुरुवार को 22 हजार बोरों से भी ज्यादा धान की आवक रही। बारिश से खुले आसमान के नीचे रखे धान के बोरों में से पानी निकलने लगा था। जमीन पर नीचे रखे बोरों में नीचे से पानी भर जाने से धान को नुकसान होने की आशंका है।
शेड से बाहर धान
कृषि उपज मंडी अमानगंज में चबूतरे के नीचे रखी धान की सैकड़ों बोरिया गीली हो गईं थी। इन्हें बाद में सुबह चबूतरें में रखवाया गया। चबूतरे की धान को तीरपाल से ढक दिया गया था। नीचे बड़ी मात्रा में धान रखी हुई थी।
पवई में नहीं भंडारण, खुले में रखी पूरी थी धान
कृषि उपज मंडी पवईमें ही धान खरीदी जा रही है और यहीं पर इसका भंडारण किया जाना है। यां अभी तक एक भी भंडारण नहीं किया गया था। इससे खुले में रखी सैकड़ों क्विंटल धान बारिश में भींग गईहै। इससे धान की खराब होने की आशंका भी बनी हुई है।
जिले में 1124.5 मिमी. औसत बारिश
अधीक्षक भू-अभिलेख ने बताया कि पन्ना जिले की औसत वर्षा 1176 .4 मिमी. है। जिसमें जिले में 1 जून से अब तक 1124.5 मिमी. औसत वर्षा दर्ज की गई है। अभी तक वर्षामापी केन्द्र पन्ना में 1097.7 मिमी., गुनौर में 8 94.8 मिमी., पवई में 1309.2 मिमी., शाहनगर में 1026 .3 मिमी. तथा अजयगढ में 1294.3 मिमी. वर्षा दर्ज की गई है। जबकि गत वर्ष इसी अवधि की औसत वर्षा 8 94.9 मिमी. दर्ज की गई थी। जिसमें पन्ना में 8 99.7 मिमी., गुनौर में 78 6 .0 मिमी., पवई में 991.8 मिमी., शाहनगर में 913.2 मिमी. तथा अजयगढ़ में 8 8 3.6 मिमी. वर्षा दर्ज की गई थी। उन्होंने बताया कि 13 दिसंबर को जिले की औसत वर्षा 21.5 मिमी. दर्ज की गई है। जिसमें वर्षामापी केन्द्र पन्ना में 13.3 मिमी., गुनौर में 18 .0 मिमी., पवई में 14.0 मिमी., शाहनगर में 28 .2 मिमी. तथा अजयगढ में 33.8 मिमी. वर्षा दर्ज की गई है।
एसएमएस किया जाता है

खरीद केंद्रों में धान लाने के लिए किसानों को एसएमएस किया जाता है। बारिश के पूर्व जो तौलाई हो गई है उस धान की बर्बादी के लिए संबंधित सोसायटी जिम्मेदार है। यदि धान की तौलाई नहीं हो पाई है और धान भींग गई है तो इसके लिए किसान जिम्मेदार हैं।
आरके श्रीवास्तव, जिला खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति अधिकारी

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